‘अपणि सरकार’ पोर्टल से ई-डिस्ट्रिक्ट की सेवाएं घर बैठे मिलेंगी

‘अपणि सरकार’ पोर्टल से ई-डिस्ट्रिक्ट की सेवाएं घर बैठे मिलेंगी

अफसर यह सुनिश्चित करें कि यदि किसी प्रमाण-पत्र या दस्तावेज में जो आपत्तियां हैं, उनका उल्लेख एक बार में ही हो जाए, जिससे जनता के समय की बचत होगी और उन्हें बेवजह परेशानी भी नहीं हो। उन्होंने नोटिफाइड सेवाओं को ऑनलाइन करने के लिए विभागवार लक्ष्य निर्धारित करने और अधिक उपयोग में आने वाली सेवाओं को ऑनलाइन में पहले प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। जो अफसर सेवाओं को समय पर नहीं दे पा रहे हैं, उन्हें विभागवार चिह्नित किया जाए। इसके तहत सेवा का अधिकार कार्यालय में निगरानी को डैशबोर्ड बनाया जाएगा।

उत्तराखंड के लोगों को घर बैठे ‘अपणि सरकार’ पोर्टल पर तमाम सेवाएं मिलेंगी। अब तक ई-डिस्ट्रिक्ट के जरिये जो सेवाएं दी जा रही हैं, वे इसी पोर्टल पर मिलेंगी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने बुधवार को सचिवालय में सेवा का अधिकार और ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल की समीक्षा के दौरान ये निर्देश दिए। आईटीडीए और एनआईसी के सहयोग से यह पोर्टल विकसित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो सेवाएं अभी अधिसूचित नहीं हैं, उन सेवाओं को भी सेवा का अधिकार अधिनियम में शामिल किया जाए।

सेवा का अधिकार के तहत दी जा रही 243 नोटिफाइड सेवाओं को ऑनलाइन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने विभागीय अफसरों को तीन महीने के भीतर इन सेवाओं को ऑनलाइन करने के निर्देश दे दिए हैं।

विभागाध्यक्ष नोडल अफसर सेवा का अधिकार से जुड़े विभागों के विभागाध्यक्ष नोडल अफसर होंगे। आयोग के मुख्य आयुक्त रामास्वामी की अध्यक्षता में इनकी बैठकें होंगी। सीएस की अध्यक्षता में हर महीने, सीएम की अध्यक्षता में हर दो माह में नोटिफाइड सेवाओं की समीक्षा भी होगी। दोनों मंडलों के कमिश्नर भी 15 दिन में अपने मंडलों के डीएम
के साथ इसकी समीक्षा करेंगे।

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