कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए उत्तराखंड के सभी शैक्षिक संस्थान बंद
मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने कहा कि इस अवधि में ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई जारी रहेगी। शिक्षा सचिव आर. मीनाक्षीसुंदरम ने कहा कि कोरोना संक्रमण की वजह से शिक्षकों और छात्रों की सुरक्षा के लिए यह जरूरी हो गया है। स्कूलों के बंद रहने की अवधि में पूर्व की तरह ऑनलाइन और वर्कशीट के माध्यम से पढ़ाई को जारी रखा जाएगा। इसके लिए भी दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे। मालूम हो कि इस साल नया शैक्षिक सत्र 15 अप्रैल से शुरू हुआ था।
उत्तराखंड में नए शैक्षिक सत्र शुरू होने के पांचवे दिन ही राज्य के सभी सरकारी और प्राइवेट शिक्षण संस्थान एक बार फिर से बंद हो गए। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की रोकथाम के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है। सरकार के अगले आदेशों तक शैक्षिक संस्थान बंद रहेंगे।
प्राथमिक,जूनियर और माध्यमिक स्कूल और सभी बोर्डिंग स्कूल
डिग्री कालेज, पॉलीटेक्नीक, आईटीआई भी रहेंगे बंद
सभी कोचिंग सेंस्टर को भी अगले आदेशों तक नहीं खोला जाएगा
कोरोना संक्रमण की पहली लहर शुरू होने पर सरकार ने 15 मार्च 2020 से सभी शैक्षिक संस्थानों को बंद कर दिया था। इसके बाद शुरू हुई अनलॉक प्रक्रिया के तहत दो नवंबर 2020 को बोड्र परीक्षा वाली कक्षा 10 और 12 वीं की कक्षाओं को शुरू कर दिया गया। आठ फरवरी से सरकार ने पांचवी से ऊपर की सभी कक्षाओं को खोलने की छूट दे दी थी। 15 अप्रैल को नया सत्र शुरू होने पर पढ़ाई के पटरी पर आने की उम्मीद बंधी थी, लेकिन अब कोरोना की दूसरी लहर के कारण स्कूलों केा बंद कर दिया गया।
स्कूलों को बंद करने के साथ एक सवाल दोबारा खड़ा हो गया है। सरकार ने स्कूल बंद होने की स्थिति में पहले केवल ट्यूशन फीस लेने की अनुमति दी थी। आठ फरवरी से स्कूल खुलने पर पूरी फीस लेने का अधिकार स्कूलों को दे दिया गया था। अब एक बार फिर से सरकार ने स्कूलों को बंद कर दिया है। अभिभावकों का कहना है कि सरकार को तत्काल ही फीस पर स्थिति स्पष्ट कर देनी चाहिए।
सरकार ने सभी विभागों में अधिकारी-कार्मिकों को छुट्टियां देने का अधिकार डीएम को दे दिया है। मुख्य सचिव के अनुसार अब से जिलों में तैनात सभी विभागों के अफसर-कार्मिकों के अवकाश सीधे निदेशालय स्तर से मंजूर नहीं किए जा सकते। हर जिले का डीएम ही कार्मिकों के अवकाश मंजूर करेंगे। केवल पुलिस विभाग पर ही यह आदेश लागू नहीं होगा।