दिवाली से पहले देहरादून में बढ़ा वायु प्रदूषण, हरिद्वार की हालत चिंताजनक

दिवाली से पहले देहरादून में बढ़ा वायु प्रदूषण, हरिद्वार की हालत चिंताजनक

28 अक्तूबर को दून के घंटाघर पर एयर क्वालिटी इंडेक्स 159 रहा। 29 को 167 हो गया। हरिद्वार में 28 को 173 और 29 को 190 हो गया। काशीपुर में 28 को 108 और 29 को 109, रुद्रपुर में 28 को 104 और 29 को 105 और हल्द्वानी में 28 को 110 और 29 को 111 दर्ज किया गया। ऋषिकेश में वायु प्रदूषण कम पाया गया।

दिवाली नजदीक आते ही वायु प्रदूषण बढ़ने लगा है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़े ये बता रहे हैं। पीसीबी की ओर से राज्य के छह प्रमुख शहरों में प्रदूषण की जांच की जा रही है। सबसे ज्यादा प्रदूषण हरिद्वार में पाया गया है।  पीसीबी के सदस्य सचिव एसपी सुबुद्धि ने बताया कि देहरादून, हरिद्वार, ऋषिकेश, काशीपुर, रुद्रपुर और हल्द्वानी में दिवाली से सात दिन पहले और बाद का प्रदूषण नापा जा रहा है।

28 को एयर क्वालिटी इंडेक्स 115 और 29 को 111 रहा। सुबुद्धि के अनुसार पिछले कुछ दिनों से लगातार पटाखे फोड़ने के कारण प्रदूषण बढ सकता है।  सारे आंकड़े सौ से दो सौ के बीच हैं, जो हल्का बढ़ा हुआ प्रदूषण माना जाता है। इससे सांस के रोगियों, बुजुर्गों और छोटे बच्चों को दिक्कत हो सकती है। इसकी निगरानी की जा रही है।

इस साल कोविड कर्फ्यू के चलते एयर क्वालिटी इंडेक्ट नीचे चला गया था। हवा शुद्ध हो गई थी। सबसे कम एक्यूआई हल्द्वानी का रहा था। ऋषिकेश का एक्यूआई 89 रहा था। दून में यह 127, हरिद्वार में 101 था, जो संतोषजनक माना जाता है।

दून मेडिकल कॉलेज के सांस एवं दमा रोग विशेषज्ञ डॉ. अनुराग अग्रवाल कहते हैं कि दिवाली में बुजुर्ग और बच्चों को प्रदूषण की वजह से परेशानी होती है। सर्दी में प्रदूषण स्तर बढ़ने लगता है तो पटाखों का धुआं भी परेशान करता है। बढ़ता प्रदूषण फेफड़ों में सूजन पैदा कर सकता है। डॉ. अंकित अग्रवाल के अनुसार, पटाखों के धुएं से मरीजों को अस्थमा का अटैक हो सकता है। प्रदूषण से बचें। मास्क जरूर लगाएं।

00-50     :     अच्छा
51-100     :     संतोषजनक
101-200     :     हल्का खराब
201-300     :     बहुत खराब
301-400     :     खतरनाक
401 प्लस     :     बहुत खतरनाक

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