10 साल के इंतजार के बाद अब उत्तराखंड के स्कूलों में होगी रोजगार की पढ़ाई
रोजगार से जुडे कोर्स को हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के पाठ़यक्रम में शामिल करने की उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद से वर्ष 2015 में ही मंजूरी मिल चुकी है। कक्षा नौ से लेकर 12 वीं तक चार साल छात्र को अपने चुने विषय में प्रशिक्षण लेना होगा। चार साल की अवधि में छात्र अपने ट्रेड में पूरी तरह से दक्ष हो जाएंगे। मालूम हो कि वर्चुअल क्लास रूप के साथ ही केंद्र सरकार ने राज्य को वर्ष 2010-11 में वोकेशनल कोर्स शुरू करने की अनुमति दे दी थी। लेकिन तब से यह प्रोजेक्ट फाइलों में ही फंसा था। सरकार ने विजन इंडिया सर्विस कंपनी को इसकी जिम्मेदारी सौंपी है।
करीब 10 साल की लंबी मशक्कत के बाद आखिरकार उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों में रोजगार की पढ़ाई का रास्ता खुल गया। प्रदेश के 200 माध्यमिक स्कूलों में डिप्लोमा कोर्स की तर्ज पर रोजगार से जुड़े आठ अलग अलग विषय शुरू होने जा रहे हैं। 27 अगस्त को शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे इस प्रोजेक्ट को लांच करेंगे।शिक्षा मंत्री के अनुसार इस प्रोजेक्ट की मदद से छात्र सामान्य शिक्षा के साथ-साथ कौशल विकास की पढ़ाई भी करेंगे। 12 वीं कक्षा पास करने के बाद यदि वो चाहे तो स्वरोजगार भी शुरू कर सकते हैं।
इन कोर्स की मिलेगी ट्रेनिंग
टूरिज्म एंड हास्पिटेलिटी, आईटी, ब्यूटी एंड वैलनेस, ऑटोमोटिव, एग्रीकल्चर, मल्टीस्किलिंग, रीटेल, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड हार्डवेयर, प्लंबर
गढ़वाल मंडल के स्कूल
चमोली-14, देहरादून-20, हरिद्वार-13, पौड़ी- 21, रुद्रप्रयाग- 06, टिहरी- 19, उत्तरकाशी-13
कुमाऊं मंडल के स्कूल
अल्मोड़ा-14, बागेश्वर- 07, चंपावत- 10, नैनीताल 21,पिथौरागढ़-16, यूएसनगर- 26