भारी बरसात के बाद काठगोदाम में नदी में समाई पटरी, कई ट्रेनें कैंसिल
कॉलटैक्स के पास गौला से लगे रेलवे के शंटिग नेक के पास भी भू कटाव होने लगा। देखते ही देखते शंटिग नेक का करीब 70 फीसदी हिस्सा गौला नदी में समा गया। शंटिंग नेक से ही मुख्य लाइन लगी है। हालांकि कटाव का असर मुख्य लाइन पर नहीं पड़ा है। एहतियात के तौर पर मंगलवार को रेलवे प्रबंधन ने काठगोदाम स्टेशन आने और जाने वाली गाड़ियों को रद्द कर दिया। काठगोदाम स्टेशन प्रबंधक चयन रॉय ने बताया कि काठगोदम स्टेशन से ट्रेनों का संचालन नहीं हुआ।
उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश के चलते यहां गौला नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। नदी के तेज बहाव से हुए भू कटाव से रेलवे की शंटिंग नेक की पटरी टूटकर नदी में समा गई। जिसके चलते काठगोदाम स्टेशन से ट्रेनों का संचालन ठप हो गया है। बीते दो दिन में हुई भारी बारिश से गौला नदी उफान पर है। मंगलवार को पानी ज्यादा होने से उसका बहाव काठगोदाम रेलवे स्टेशन की तरफ हो गया।
मंगलवार को काठगोदाम स्टेशन से चलने वाली आठ ट्रेनें नहीं चल सकीं। इस वजह से नौ हजार से ज्यादा रेल यात्रियों के प्रभावित होने का अंदेशा है। पूरी तरह से पैक रहने वाली लंबी दूरी की लखनऊ-काठगोदाम, शताब्दी, रानीखेत और बाघ एक्सप्रेस के यात्री सबसे ज्यादा परेशान रहे। काठगोदाम स्टेशन के वेटिंग रूम पूरी तरह से पैक दिखे। स्टेशन का पूछताछ नंबर भी दिनभर घनघनाता रहा।
-नैनी-दून जनशताब्दी एक्सप्रेस
-काठगोदाम-मुरादाबाद पैसेंजर (सुबह)
-संपर्क क्रांति एक्सप्रेस
-लखनऊ-काठगोदाम एक्सप्रेस
-शताब्दी एक्सप्रेस
-काठगोदाम-मुरादाबाद पैसेंजर (शाम)
-गरीब रथ एक्सप्रेस-जम्मूतवी (केवल मंगलवार)
-रानीखेत एक्सप्रेस
-बाघ एक्सप्रेस
ये ट्रेनें नहीं आईं
-रानीखेत एक्सप्रेस
-दून एक्सप्रेस
-शताब्दी एक्सप्रेस
-बाघ एक्सप्रेस
-पैसेंजर ट्रेन
काठगोदाम स्टेशन पर अलग-अलग ट्रेनों से जाने वाले यात्री परेशान दिखे। महाराष्ट्र के 30 श्रद्धालुओं का एक दल छोटा कैलास की यात्रा के लिए निकला था। रानीखेत एक्सप्रेस के रुद्रपुर से आगे नहीं आने के कारण सभी को वहां उतार दिया गया। बाद में रेल प्रबंधन ने बस से उन्हें काठगोदाम पहुंचाया। वहीं परिवार के साथ जयपुर से आए अनिरुद्ध ने बताया कि उन्हें रानीखेत एक्सप्रेस से दिल्ली जाना है लेकिन ट्रेन जाएगी या नहीं, इस पर असमंजस की स्थिति है।