काबुल। नंगरहार प्रांत में शुक्रवार को दो बम धमाके हुए। इसमें 62 लोगों की मौत हो गई जबकि 36 लोग घायल हो गए। ये धमाके एक मस्जिद में हुए। धमाकों के वक्त बड़ी संख्या में लोग नमाज के लिए मस्जिद में मौजूद थे। धमाकों से मस्जिद की छत टूटकर लोगों के ऊपर गिर गई। यह घटना दोपहर करीब 2 बजे की है।
स्थानीय प्रशासन के प्रवक्ता अताउल्लाह खोगयानी ने कहा, ‘‘फिलहाल यहस्पष्ट नहीं हो पाया है कि मस्जिद में आत्मघाती हमला हुआ है या किसी और तरह से विस्फोट किया गया है। मरने वालों और घायलों में पुरुष और बच्चे दोनों शामिल हैं।’’
पूर्वी अफगानिस्तान में तालिबान और इस्लामिक स्टेट सक्रिय
नंगरहार के लोक स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता जाहिर आदिल ने कहा, ‘‘23 घायलों को राजधानी जलालाबाद भेजा गया है। बाकी लोगों का इलाज हस्कामेना जिला अस्पताल में किया जा रहा है।’’अभी तक किसी आतंकी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। पूर्वी अफगानिस्तान में तालिबान और इस्लामिक स्टेट दोनों आतंकी संगठन सक्रिय हैं।
यह हमला संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की उस रिपोर्ट के अगले दिन आया है, जिसमें अफगानिस्तान में बर्बर युद्ध के चलते नागरिकों की रिकॉर्ड मौतों के बारे में कहा गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, 2019 में अब तक 2, 563 नागरिक मारे जा चुके हैं और 5, 676 घायल हुए हैं।
यूएन की रिपोर्ट में जुलाई से सितंबर की तिमाही को सबसे खतरनाक समय के तौर पर चिन्हित किया गया है। इस दौरान सरकार समर्थित सैन्य बलों की कार्रवाई में 1,149 आम लोग मारे गए हैं और 1,199 घायल हुए हैं। इस तरह एक महीने में कुल 2, 348 नागरिक हिंसा का शिकार हुए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक 2018 के मुकाबले 2019 में इस अवधि में हिंसा से प्रभावित होने वाले नागरिकों की संख्या में 26% बढ़ोत्तरी हुई है।
यूएन के प्रतिनिधि ने कहा- आम नागरिकों की हिफाजत करें
अफगानिस्तान में यूएन के विशेष प्रतिनिधि टाडामिची यामामोटो ने कहा, “नागरिकों की रिकॉर्ड मौत दिखाती है कि इस क्षेत्र में सक्रिय सभी पक्षों को आम लोगों की सुरक्षा के बारे में सोचना चाहिए। सैन्य कार्रवाई के दौरान भी नागरिक सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।”
दो दिन पहले तालिबान ने अफगानिस्तान के पूर्वी क्षेत्र में हुए एक फिदायीन हमले की जिम्मेदारी ली थी। यह पुलिस मुख्यालय के पास किया गया था। इसमें अफगान सुरक्षा बल के दो लोगों की मौत हो गई थी जबकि 26 लोग घायल हुए थे।