प्रदेश में जलवायु परिवर्तन रोकने को प्रदेश में बनेगा एक्शन प्लान
केंद्र सरकार और एनजीटी ने सभी राज्यों को विकास की गतिविधियों से जलवायु परिवर्तन पर पड़ने वाले प्रभाव को कम करने के लिए क्लाइमेट चेंज एक्शन प्लान बनाने को कहा है। इसी को देखते हुए राज्य में भी एक नया एक्शन प्लान बनाया जा रहा है। इसमें विकास की गतिविधियों को न्यूनतम जलवायु परिवर्तन प्रभाव के साथ संचालित करने, पर्यावरण और विकास के बीच सामंजस्य बैठाने पर फोकस होगा।
प्रदेश में विकास की गतिविधियों से जलवायु परिवर्तन पर पड़ने वाले प्रभाव को कम करने के लिए नया स्टेट एक्शन प्लान बनेगा। इसके लिए राज्य, देश या विदेश के किसी नामी संस्थान से शोध कराया जाएगा। छह माह में ये प्लान तैयार किया जाएगा। राज्य पर्यावरण संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन निदेशालय ने रिसर्च के लिए टेंडर जारी किए हैं।
एक्शन प्लान के लिए राज्य में 12 क्षेत्रों का चिह्नीकरण किया गया है। इसमें विकास के लिए एक्शन प्लान में हर तरह के प्रावधान रखे जाने हैं, ताकि इनमें चलने वाली योजनाओं को इसी एक्शन प्लान के अनुसार पूरा किया जा सके। निदेशालय की संयुक्त सचिव नेहा वर्मा की ओर से इसके लिए टेंडर किए गए हैं। पर्यावरण निदेशक एसपी सुबुद्धि ने बताया कि एक्शन प्लान वैसे तो पहले भी बनाया गया था, लेकिन कुछ कमियों की वजह से उसमें संशोधन कर नए सिरे से तैयार किया जाना है।
कृषि एवं उद्यानिकी, वन, वन्यजीव और जैव विविधता, स्वास्थ्य, शहरी विकास और आवास, जलस्रोत, आपदा प्रबंधन, पर्यटन-संस्कृति, ऊर्जा, सड़क एवं परिवहन, उद्योग, पशुपालन, डेयरी, मत्स्य पालन, साइंस, तकनीक और शिक्षा
-क्षेत्र की जलवायु परिवर्तन संवेदनशीलता का आकलन
-तथ्यपरख कार्ययोजना और लक्ष्य निर्धारण
-स्थानीय समुदाय पर क्षेत्र का प्रभाव और जलवायु परिवर्तन की जरूरत
-विशेषज्ञों और स्थानीय समुदाय की राय
-एक्शन प्लान से आजीविका, निर्धनता और लैंगिक सरोकार