देहरादून। मासिक समाचार पत्र एवं वेब न्यूज़ पोर्टल के संपादक अभिनव कपूर ने पत्रकारिता जगत से जुड़े सभी लोगों को पत्रकारिता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए इस अवसर पर एक कविता प्रेषित की हैै। प्रस्तुत है इस कविता की पंक्तियां-
पत्रकार दिवस पर एक कविता:
कलमकार हु मैं, मैं सच ही लिखता हूं, तुम मेरी बातों का बुरा मानना छोड़ दो।
सच लिखने से पहले इजाजत लूंगा तुमसे तुम ये गलतफहमियाँ पालना छोड़ दो।
क्या बिक जाऊंगा चन्द सोने के सिक्कों में, तुम मेरी कीमत आंकना छोड़ दो।
ठीक है कभी एक वक्त की ही रोटी मिलेगी, तुम मेरे निवालों का हिसाब लगाना छोड़ दो।
करूँगा पर्दाफाश सब गुनाहों और साजिशों का तुम सच पे झूठ की कालिख लगाना छोड़ दो।
कभी काटा जाऊंगा, कभी रौंदा जाऊंगा, कभी जहर तो कभी गोलियां भी खाऊंगा, हाँ मारा जाऊंगा, पर क्या खामोश हो जाऊंगा, रोक लोगे मुझे, ये झूठे ख्वाब सजाना छोड़ दो।
सच का खजाना लेकर घूमता हु अगर घर न लौट पाया? घरवालो मेरे इंतजार में नजरें बिछाना छोड़ दो।
समझौता कर लूंगा हालात ये कयास लगाना छोड़ दो।
कलमकार हु सच ही लिखता हूं और सच ही लिखूंगा