नयी दिल्ली। माकपा ने पेट्रोलियम पदार्थों की कीमत में बेतहाशा बढ़ोतरी के कारण सामान्य जनजीवन प्रभावित होने के विरोध में आगामी आठ मई को देशव्यापी आंदोलन का आह्वान किया है। माकपा पोलित ब्यूरो की ओर से आज जारी बयान में कहा गया है कि पिछले चार साल में पेट्रोल पर लगने वाले उत्पाद शुल्क में साढ़े नौ रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 19.48 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हो चुकी है।
इसकी वजह से पेट्रोल की खुदरा कीमत में 105 प्रतिशत और डीजल की कीमत में 47.4 प्रतिशत वृद्धि हुई है। पार्टी ने इसकी वजह से सामान्य जनजीवन से जुड़े सभी पहलुओं पर पड़े असर का हवाला देते हुये केन्द्र सरकार से महज राजस्व वसूली के लिये बढ़ाये गये उत्पाद शुल्क को वापस लेने की मांग की है।
माकपा ने मोदी सरकार को चुनाव पूर्व अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में कमी की वजह से पेट्रोलियम पदार्थों की कीमत कम करने के वादे की याद दिलाते हुये कहा कि उत्पाद शुल्क अब तक के अपने उच्चतम बिंदु पर पहुंच गया है इस कारण पेट्रोल डीजल की खुदरा कीमतें आसमान छू रही हैं। पार्टी ने कहा कि सरकार को बढ़ा हुआ उत्पाद शुल्क वापस लेना चाहिये जिससे आम आदमी को राहत मिल सके।
माकपा ने इन परिस्थितियों के मद्देनजर पार्टी की सभी प्रदेश इकाईयों से आठ मई को राष्ट्रीय विरोध दिवस के रूप में मनाने का आह्ववान किया है। इसका मकसद पार्टी द्वारा सरकार पर पेट्रोलियम पदार्थों पर बढ़ा हुआ उत्पाद शुल्क वापस लेने के लिये दबाव बनाना है। पार्टी ने देश के सभी लोकतांत्रिक संगठनों से विरोध दिवस में शामिल होने की अपील की है।