उत्तराखंड में सोमवार को कोरोना के 37 नए मरीज मिले, किसी भी संक्रमित की मौत नहीं हुई
राज्य के अस्पतालों में भर्ती व होम आईसोलेशन में रह रहे 71 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया जिससे राज्य में ठीक होने वाले मरीजों की कुल संख्या तीन लाख 28 हजार 224 हो गई है। जबकि राज्य में एक्टिव मरीजों की संख्या सिर्फ 574 रह गई है। सोमवार को 22 हजार से अधिक सैंपलों की रिपोर्ट आई जबकि 24 हजार से अधिक सैंपल जांच के लिए भेजे गए। राज्य में सोमवार को संक्रमण की दर 0.16 प्रतिशत रही। जबकि मरीजों के ठीक होने की दर 96 प्रतिशत के करीब है।
उत्तराखंड में सोमवार को कोरोना के 37 नए मरीज मिले और किसी भी संक्रमित की मौत नहीं हुई। हालांकि बैकलॉग की मौतों के रूप में दो मरीजों की मौत दिखाई गई हैं। इसके साथ ही राज्य में कुल मृतकों की संख्या 7363 हो गई है। उत्तराखंड में कोरोना के कम नए मरीज मिलने के बावजूद संक्रामकता दर अधिक बनी हुई है। एसडीसी फाउंडेशन के संस्थापक अनूप नौटियाल ने बताया कि राज्य में कोरोना संक्रामकता दर इस समय 1.17 प्रतिशत चल रही है। जो कि चिंताजनक है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार सोमवार को देहरादून जिले में सर्वाधिक नौ नए मरीज मिले। जबकि यूएस नगर में छह, अल्मोड़ा में पांच, हरिद्वार, नैनीताल, पौड़ी और पिथौरागढ़ में तीन तीन नए मरीज मिले। चम्पावत और टिहरी में एक भी नया मरीज नहीं मिला है।
उत्तराखंड में कोरोना के कम नए मरीज मिलने के बावजूद संक्रामकता दर अधिक बनी हुई है। एसडीसी फाउंडेशन के संस्थापक अनूप नौटियाल ने बताया कि राज्य में कोरोना संक्रामकता दर इस समय 1.17 प्रतिशत चल रही है। जो कि चिंताजनक है। उन्होंने एक रिपोर्ट के आधार पर कहा कि केंद्रीय गृह सचिव ने हाल ही में राज्यों को पत्र लिखकर कोरोना संक्रामकता दर एक प्रतिशत से नीचे रखने के निर्देश दिए थे। लेकिन उत्तराखंड सहित देश के आठ राज्य ऐसे हैं जहां पर यह दर एक प्रतिशत से अधिक है।
संक्रामकता दर का मतलब एक मरीज से दूसरे मरीज में संक्रमण फैलने की दर से है और यदि यह दर बढ़ती है तो भविष्य में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने का भी खतरा रहता है। एसडीसी फाउंडेशन ने ही एक दिन पहले रिपोर्ट जारी कर बताया था कि पिछले सप्ताह के मुकाबले राज्य में बीते सप्ताह नए मरीज 94 प्रतिशत अधिक आए थे। ऐसे में अधिक संक्रामकता आने वाले दिनों के लिए चिंताजनक स्थिति पैदा कर सकती है। हालांकि राज्य सरकार के अफसरों ने राज्य की संक्रामकता दर के बारे में जानकारी से इंकार किया है।