दून में बिना ट्रैवल हिस्ट्री वाले 223 कोरोना मरीज, लोकल मामले ज्यादा आ रहे सामने
तो कुछ केस सरकारी कर्मचारी हैं, जो कोरोना मरीजों के इलाज समेत तमाम दूसरी व्यवस्थाओं में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
कोरोना पॉजिटिव आने वाले अब सबसे अधिक केस स्थानीय स्तर के हैं। ये वे केस हैं, जिनकी कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है। कुछ ऐसे केस हैं, जो बाहरी राज्यों से आए लोगों के संपर्क में जरूर आए।
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार राज्य में 21 मई के बाद अभी तक 318 केसों में सबसे अधिक 223 केस देहरादून जिले के हैं। जो 70 प्रतिशत हैं।
इसके बाद 21 हरिद्वार, 14 चंपावत, 13 यूएसनगर, 11 नैनीताल, आठ बागेश्वर, सात पिथौरागढ़, छह छह पौड़ी और अल्मोड़ा, चार टिहरी, तीन उत्तरकाशी, दो रुद्रप्रयाग जिले से हैं।
इन केस में 196 केस ऐसे हैं, जिनकी कोई ट्रैवल हिस्ट्री उपलब्ध नहीं है। 51 केस ऐसे हैं, जो संक्रमित लोगों के संपर्क में आए। 45 केस देहरादून सब्जी मंडी से जुड़े हैं।
जबकि सरकारी स्टाफ से जुड़े 26 केस हैं। अभी तक सामने आए कुल 1819 केसों में इन 318 केस का प्रतिशत 17 प्रतिशत है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ और 108 मोबाइल हेल्थ सेवा के पूर्व सीईओ अनूप नौटियाल ने बताया कि आने वाले समय में सभी को स्थानीय स्तर पर और अधिक सतर्कता बरतने की जरूरत है।
लोग सिर्फ विशेष जरूरत पड़ने पर ही घर से निकले। नौटियाल ने बताया कि इसके साथ ही कोरेाना प्रोटोकॉल का शत प्रतिशत पालन करें। ऐसा करने से कोरेाना संक्रमण से आसानी से बचा जा सकता है।
देहरादून में सबसे अधिक मौतें : राज्य में अभी तक 24 कोरोना पॉजिटिव मरीजों की मौत हुई है। स्वास्थ्य विभाग इनकी मौत के अलग-अलग कारण बता रहा है।
इसमें मौत के सबसे अधिक 16 केस देहरादून के हैं। तीन पौड़ी, दो ऊधमसिंह नगर, नैनीताल, चंपावत, अल्मोड़ा के एक-एक केस हैं।
राज्य के पहाड़ी जिलों में संक्रमण की दर पिछले कुछ समय में बढ़ी है, तो मैदानी जिलों में कम हुई है। राज्य में कोरोना संक्रमण की दर 4.54 प्रतिशत है।
11.25 प्रतिशत के साथ टिहरी जिला सबसे ऊपर है। 8.19 प्रतिशत नैनीताल, 7.3 प्रतिशत बागेश्वर, 7.14 प्रतिशत अल्मोड़ा, 6.31 प्रतिशत चंपावत, देहरादून 3.35 प्रतिशत, चमोली 3.7 प्रतिशत है।