प्रदेशभर में 174 अटल आदर्श स्कूल चयनित
हर ब्लॉक में दो अटल आदर्श स्कूल बनाए जाने हैं। एपीडी-समग्र शिक्षा अभियान डॉ. मुकुल कुमार सती ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने बताया कि हर ब्लॉक के दो स्कूल के हिसाब से 190 स्कूलों को चुना जाना था। अब केवल 16 और स्कूलों का चयन किया जाना है। शिक्षकों से विकल्प भी लिए जा रहे हैं। मालूम हो कि राज्य के सरकारी स्कूल छात्र संख्या के लिहाज से प्राइवेट स्कूलों से लगातार पिछड़ रहे हैं।
प्राइवेट स्कूलों को टक्कर देने के लिए 174 सरकारी स्कूलों को अटल आदर्श योजना के तहत चुन लिया गया। शिक्षा विभाग ने इन स्कूलों की लिस्ट सरकार को सौंप दी। पहली से बारहवीं कक्षा तक बनने वाले इन स्कूलों के लिए शिक्षा विभाग ने अंग्रेजी पर अच्छी पकड़ रखने वाले शिक्षकों की लिस्ट भी तैयार की जा रही है। शिक्षकों से इन स्कूलों में काम करने के लिए सहमति मांगी जा रही है।
इंग्लिश मीडियम पढ़ाई के प्रति बढ़ते रुझान की वजह से यह स्थिति पैदा हुई है। इसे देखतेहुए सरकार ने हर ब्लॉक में दो-दो पूरी तरह से इंग्लिश मीडियम स्कूल बनाने का निर्णय किया है। जून से इसके कवायद चल रही है। दो बार की मशक्कत के बाद शिक्षा विभाग ने अटल स्कूलों के लिए चिह्नित स्कूलों की पहली लिस्ट तैयार की है। सूत्रों के अनुसार सोमवार को सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत इस योजना की समीक्षा करेंगे।
अटल आदर्श स्कूलों के शिक्षक और कर्मचारियों का कैडर अलग होगा। सालाना तबादलों में इन शिक्षकों को केवल अटल आदर्श स्कूलों में ही भेजा जाएगा। केवल उन्हीं शिक्षकों को प्राथमिकता दी जाएगी, जो खुद भी अंग्रेजी में पारंगत हों। विभागीय शिक्षकों में आवश्यकता अनुसार शिक्षक न मिलने पर अतिथि शिक्षक फार्मूले के तहत भी नियुक्तियां की जाएंगी। लेकिन इनके लिए शैक्षिक योग्यता के मानक वहीं होंगे, जो स्थायी शिक्षक पर लागू होते हैं।
अटल आदर्श स्कूलों पर सरकार एक खास प्लॉन के तहत काम कर रही है। इंग्लिश मीडियम होने से ग्रामीण क्षेत्रों में भी छात्रों को बेहतर विकल्प मिलेगा। इन स्कूलों की फीस व अन्य सुविधाओं का शुल्क काफी कम होगा। सरकारी मिड डे मील, यूनिफार्म, मुफ्त किताब योजना, विभिन्न स्कॉलरशिप योजनाएं यहां भी लागू रहेंगी। इससे 10-15 छात्र संख्या के साथ चलाए जा रहे सफेद हाथी समान स्कूलों को बंद करने और वहां के शिक्षक-संसाधनों के बेहतर प्रयोग करने का मौका मिलेगा।