कोरोना की लड़ाई में 17 फीसदी पुलिस कर्मी हुए पॉजिटिव
पुलिस के विभिन्न हेल्पलाइन नंबरों पर मदद के लिए इस दौरान 31,815 फोन काल आई। इनमें 2,726 को ऑक्सीजन सिलेंडर, 792 को अस्पतालों में बेड़, 217 को प्लाज्मा/ब्लड डोनेशन, 17,609 लोगों को दवाइयां और 600 एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध कराई गई। भरणे ने बताया कि इसके अलावा 94, 484 लोगों को राशन, दूध व फूड पैकेट, 792 संक्रमितों का दाह संस्कार और 5,252 सीनियर सिटीजन से संपर्क कर उन्हें सहायता दिलाई गई।
कोरोना की दूसरी लहर में राज्यभर में 2382 पुलिस कर्मचारी संक्रमण की चपेट में आए, जबकि पांच लोगों को कोरोना की वजह से जान भी गंवानी पड़ी। कोरोना की पहली लहर में पुलिस विभाग ने आठ जवानों को खोया, जबकि 1982 संक्रमित हुए। इस तरह अब तक पूरे महकमे में 16.78 फीसदी संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। कोरोना पीड़ितों की मदद के लिए अब काल बहुत कम आने पर पुलिस ने मिशन हौंसला अभियान खत्म कर दिया है, हालांकि जो भी फोन आएंगे, उन्हें पूरी मदद दिलाई जाएगी। मंगलवार को पुलिस मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत में डीआईजी नीलेश आनंद भरणे ने यह जानकारी दी। पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार के निर्देश पर पूरे राज्य में एक मई से मिशन हौंसला अभियान शुरू किया गया।
64 पुलिसकर्मियों के परिजनों की मौत
भरणे ने कहा कि सभी जनपदों की पुलिस ने कोरोना काल की विषम परिस्थितियों में खाकी में इंसान के मानवता भरे नेक और निस्वार्थ के रूप में काम किया। इस अवधि में 751 पुलिसकर्मियों के परिजन भी संक्रमित हुए, जिसमें से 64 की मृत्यु हुई। इसके बावजूद जवान अपनी ड्यूटी पर अडिग रहे।