देहरादून : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को खिलाड़ियों व खेल से जुड़े व्यक्तियों से संवाद किया और उन्हें सम्मानित भी किया। उन्होंने कहा कि राज्य स्तर पर खेलों के विकास के संबंध में हर तीन माह में समीक्षा की जाएगी। खिलाड़ियों से वार्ता कर उनकी समस्याओं के निराकरण के प्रयास किए जाएंगे। मुख्यमंत्री धामी कैंप कार्यालय में आत्मनिर्भर उत्तराखंड @25 बोधिसत्व विचार मंथन कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। उन्होंने कहा कि राज्य में जनसंवाद पर आधारित विकास का माडल तैयार करने का प्रयास किया जा रहा है।
आवश्यकता होने पर खेल नीति में किया जाएगा संशोधन
बजट की रूपरेखा तैयार करने में बोधिसत्व विचार श्रृंखला में प्राप्त सुझावों को शामिल किया गया। उन्होंने कहा कि खेलों में राज्य की विशिष्ट पहचान बनाने और खिलाड़ियों को बेहतर अवसर उपलब्ध कराने के लिए खेल नीति तैयार की गई है। खेलों का रोडमैप तैयार करने, खेलों की बेहतरी और खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यकता होने पर खेल नीति में संशोधन किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2025 में खेलों में उत्तराखंड आदर्श राज्य बने, इसके लिए प्रयास किए जाएंगे। राज्य में खेल प्रतिभाओं की कमी नहीं है। यहां का वातावरण लगभग सभी खेलों के लिए अनुकूल है। सामान्य परिस्थिति में जीवन यापन करने वाले प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की समस्याओं से वह अवगत हैं। उन्होंने कहा कि सभी के सहयोग से उत्तराखंड को आदर्श एवं विकसित राज्य बनाना है।
27 अक्टूबर, 2021 से शुरू किए गए बोधिसत्व कार्यक्रम
कार्यक्रम के संयोजक दुर्गेश पंत ने कहा कि आत्मनिर्भर उत्तराखंड बनाने के उद्देश्य से 27 अक्टूबर, 2021 से बोधिसत्व कार्यक्रम शुरू किए गए हैं। इसमें प्रधानमंत्री व केंद्र सरकार के वैज्ञानिक सलाहकार, नीति आयोग के उपाध्यक्ष व समस्त सलाहकार, देश के वैज्ञानिक संस्थानों के प्रमुखों एवं शीर्षस्थ वैज्ञानिकों, योजनाकारों ने भाग लिया। अभी तक पांच बड़ी व आठ छोटी संगोष्ठियां हो चुकी हैं।
इस अवसर पर जसपाल राणा, अरुण कुमार सूद, गुरूफूल सिंह, मनीष सिंह रावत, प्रो एएस सजवाण, सुखबीर सिंह, डा हाविश कुमार, यशोदा कर्णवाल, लवराज धर्मशक्तु, शिवम आहुजा, रामेश प्रसाद, नवीन चौहान, प्रजींद्र सिंह, लियाकत समेत कई नामचीन खिलाड़ियों ने विचार रखे। कार्यक्रम में विशेष प्रमुख सचिव अभिनव कुमार, खेल निदेशक जीएस रावत व पूर्व विधायक डा शैलेंद्र मोहन सिंघल उपस्थित थे।