डेंगू और चिकुनगुनिया में अपनाएं ये घरेलू नुस्खे, जल्द मिलेगा स्वास्थ्य लाभ

डेंगू और चिकुनगुनिया एक तरह का वायरल बुखार है जो मच्छरों के काटने से फैलता है। चिकुनगुनिया मच्छरों के काटने से मनुष्य के शरीर में फैले अल्फावायरस के कारण होता है, जबकि डेंगू एडिस नाम की मादा मच्छर के काटने के कारण होता है।

दोनों ही रोगों में जोड़ों में दर्द , सिर दर्द, उल्टी और जी मिचलाने के लक्षण उभर कर सामने आते हैं। कभी-कभी रोगी के शरीर में आन्तरिक रक्तस्त्राव भी होता है। चिकुनगुनिया और डेंगू के उपचार के लिए कुछ घरेलू नुस्खे हैं जिनका इस्तेमाल कर हम खुद को इनके चपेट में आने से बचा सकता है।

अजवायन, मेथी और तुलसी की पत्तियां: तुलसी और अजवायन डेंगू और चिकुनगुनिया के उपचार के लिए अच्छी घरेलू औषधि हैं। अजवायन, किशमिश, तुलसी और नीम की सूखी पत्तियों को उबालकर पीने से इन रोगों के दौरान राहत मिलती है।

रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए तुलसी के पत्ते भी काम में लिए जा सकते हैं। तुलसी के पत्तों को पानी में उबालें। ठंडा करके पीएं। इससे वायरल इंफेक्शन ठीक होता है। डेंगू के बुखार में मेथी की पत्तियां उबालकर चाय बनाकर पीना भी फायदेमंद रहता है। इससे डेंगू का वायरस दूर होता है। इसी तरह से काली मिर्च के साथ तुलसी के पत्तों को उबाल लें। ये पानी एंटी बैक्टीरियल होता है। इसे पीने से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है।

पपीते का पत्ता : डेंगू तथा चिकुनगुनिया के दौरान रोगी के शरीर में प्लेटलेट्स कम हो जाते हैं। शरीर में प्लेटलेट्स का लेवल बनाए रखने के लिए पपीते के पत्ते खासतौर से बेहद असरदार साबित होते हैं। इसमें मौजूद पपेन शरीर के पाचन को सही रखता है। इसका जूस पीने से प्लेटलेट्स तेजी से बढ़ते हैं।

नारियल पानी: डेंगू और चिकनगुनिया को दूर भगाने के लिए नारियल का पानी भी बेहद फायदेमंद साबित होता है। लिहाज़ा जब इस तरह की बीमारी आपको जकड़े तो जमकर नारियल के पानी का सेवन करें। इससे डेंगू के बुखार में आराम मिलता है। नारियल पानी में मौजूद जरूरी पोषक तत्व जैसे मिनरल्स और एलेक्‍ट्रोलाइट्स शरीर को मजबूत बनाने में मदद करता है।

लहसुन की फली: लहसुन की फली चिकुनगुनिया के इलाज के लिए बहुत बढ़िया है। किसी भी तेल में लहसुन की फली मिलाकर तेल गरम करें और इस तेल से रोगी की मालिश करें। इससे रोग से काफी जल्दी राहत मिलती है। कच्ची गाजर खाना भी चिकुनगुनिया के उपचार में बेहद फायदेमंद है। इससे रोगी की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है साथ ही इस दौरान होने वाले जोड़ों के दर्द से भी राहत देती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *