उत्तराखण्ड : तकनीकि शिक्षा पर सर्वाधिक धनराशि व्यय करने वाला राज्य

देहरादून। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गुरूवार को घमण्ड़पुर रानीपोखरी में राजकीय पाॅलिटेक्निक भवन का शिलान्यास करते हुए कहा कि दक्ष मानव संसाधन तैयार करने के लिये तकनीकि शिक्षा जरूरी है, इसलिये राज्य सरकार तकनीकि शिक्षा के प्रति भी विशेष ध्यान दे रही है। उत्तराखण्ड, देश के राज्यों में तकनीकि शिक्षा पर सर्वाधिक धनराशि व्यय करने वाला राज्य है, जबकि शिक्षा के क्षेत्र में भी हम दिल्ली के बाद इस क्षेत्र में सबसे ज्यादा धनराशि खर्च करने वाला राज्य है। राज्य में पिछले दो वर्षाें में 40 महाविद्यालयों की स्थापना की गई तथा आईटीआई पाॅलिटेक्निक काॅलेजों की स्थापना में 40 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।

मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि देश में 2025 तक 25 करोड़ दक्ष मानव संसाधनों की जरूरत होगी, इसके लिये राज्य में स्किल डेवलमेंट के प्रति विशेष ध्यान दिया जा रहा है। दक्षता की ओर कदम बढ़ाने से तरक्की की राह भी आसान होगी। आज उत्कृष्टता का ही मूल्य है, हमें अपने कार्याें में गुणवत्ता के साथ तकनीकि दक्षता हासिल करनी होगी। उन्होंने कहा कि डोईवाला व रायवाला राजधानी से जुड़े विकासखण्ड है ये ब्लाॅक खेती के आधुनिकीकरण एवं उद्यमिता विकास में सहाभागी बन कर देश को राह दिखा सकते हैं।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा महिला स्वयं सहायता समूहों एवं महिलाओं के हित में कई निर्णय लिये गये है। अब अपने खेत में कार्य करने वाली महिला मनरेगा श्रमिक मानी जायेगी। जो स्वयं सहायता समूह सक्रिय नहीं है उन्हें खाता खोलने के लिये 05 हजार की धनराशि दी जायेगी। कार्यरत समूहों को 20 हजार की सहायता के साथ ही वार्षिक टर्नओवर पर 05 प्रतिशत बोनस दिये जाने की व्यवस्था की गयी है। सामुहिक खेती, जड़ी-बूडी सहित अन्य सामुहिक उत्पादों में सक्रियता से कार्य करने वालों को एक लाख केपिटल पूंजी उपलब्ध करायी जायेगी।

मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि गांवों व महिलाओं को सक्षम बनाकर ही स्वस्थ समाज का निर्माण हो सकता है। उन्होंने स्वच्छता को निजी जीवन का हिस्सा बनाने की अपेक्षा करते हुए रायपुर विकास खण्ड की भांति सभी विकासखण्डों से शत-प्रतिशत स्वच्छता के प्रति ध्यान देने को कहा। उन्होंने कहा कि श्रमिकों को शौचालय निर्माण के लिये 20 हजार की आर्थिक मदद दी जा रही है। उन्होंने कहा कि गांवों के जीवन में परिवर्तन लाकर शहरीकरण के दबाव को कम किया जा सकता है।

लोग गांवों से शहरों की ओर नहीं बल्कि शहरों से गांवों की ओर आये ऐसे प्रयासों के लिये कार्य करने की जरूरत है। इसके लिये ग्रामीणों के जीवन में परिवर्तन लाने के लिये ग्रामीणों के साथ कार्य करने वालों को भी मजबूत करना होगा। इसके लिये प्रयास जारी है। आशा, आंगनबाडी, भोजन माताओं के लिये भी कल्याणकारी योजनायें बनायी गई है। उन्होंने ग्रामीणों से जल संचय के लिये अधिक से अधिक तालाबों के निर्माण मे ध्यान देने तथा गांवों को उत्पादन का माध्यम बनाने में सहयोगी बनने को कहा।

क्षेत्रीय विधायक हीरा सिंह बिष्ट ने डोईवाला क्षेत्र के लिये अनेक योजनाओं की स्वीकृति के लिये मुख्यमंत्री श्री रावत का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस पाॅलिटेक्निक भवन के लिये 04 करोड़ स्वीकृत किये गये है। शीघ्र ही भवन बनकर तैयार हो जायेगा। इस अवसर पर तकनीकि शिक्षा के अधिकारियों के साथ ही क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि भी उपस्थित थे।

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