सेना की मध्य कमान के अलंकरण समारोह-2023 में उत्तराखंड के दो सपूतों को भी वीरता पदक से अलंकृत किया जाएगा। यह कार्यक्रम आठ फरवरी को मध्य प्रदेश स्थित जबलपुर छावनी में आयोजित होगा।
जिसमें मध्य कमान के जीओसी-इन-सी लेफ्टिनेंट जनरल योगेंद्र डिमरी 12 वीरता पुरस्कार, 22 विशिष्ट सेवा पुरस्कार, 16 जीओसी-इन-सी यूनिट प्रशंसा पत्र व चार सूर्य कमांड ट्राफी प्रदान करेंगे। इनमें हरिद्वार के हवलदार सोनित कुमार सैनी को मरणोपरांत सेना पदक से अलंकृत किया जाएगा। वहीं, ऊधमसिंहनगर के हवलदार भूपेंद्र चंद भी सेना पदक से सम्मानित होंगे।
जनसंपर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष श्रीवास्तव के अनुसार, हरिद्वार के धनौरी निवासी 102 इंजीनियर रेजिमेंट के हवलदार सोनित कुमार ने त्वरित निर्णय व सूझबूझ से सात जवानों की जान बचाई थी। हालांकि, वह स्वयं बालिदान हो गए। वह गुवाहाटी में टाट्रा वाहन के चालक की ड्यूटी निभा रहे थे। यह वाहन आपरेशन चौकस के लिए अत्याधिक ऊंचाई वाले क्षेत्र में प्लांट इक्विपमेंट लगाने के काम में लगा था।
24 सितंबर 2021 वाहन खड़ी ढलान पर दो वाहनों के बीच फंस गया। तभी सात सेवारत कर्मियों को लेकर सामने से भी एकाएक वाहन आ गया। जिस पर हवलदार सोनित व सह-चालक नायक गुरजंत सिंह को त्वरित निर्णय लेना पड़ा। उन्होंने अपनी सुरक्षा की परवाह किए बगैर वाहन गहरी खाई की ओर मोड़ दिया। जिस कारण वाहन खाई में जा गिरा।
वहीं, ऊधमसिंहनगर निवासी 13 राष्ट्रीय राइफल्स (कुमाऊं रेजिमेंट) के हवलदार भूपेंद्र चंद ने जम्मू-कश्मीर के गांदरबल में अदम्य साहस व शानदार रणनीति का परिचय दिया। वह कंपनी कमांडर की काम्बैट एक्शन टीम का हिस्सा थे। 11 अक्टूबर 2021 की रात कंपनी कमांडर की चुनौती पर आतंकी ने खुले में तैनात सैनिकों पर अंधाधुंध गोलियां चलाईं और भागने का प्रयास किया।
हवलदार भूपेंद्र ने बिना किसी आदेश की प्रतीक्षा किए सुरक्षित स्थान पर पहुंचकर आतंकवादी पर फायर शुरू किया। शानदार रणनीतिक के तहत वह आतंकी से 20 मीटर से भी कम दूरी पर पहुंच गए। क्षण भर के लिए खुद को उजागर कर कंपनी कमांडर को कवर दिया। जिससे आतंकी को निष्क्रिय व किसी भी तरह के नुकसान को बेअसर करने में मदद मिली