देहरादून। सशक्त उत्तराखंड की संकल्पना को वर्ष 2025 तक मूर्त रूप देने में डबल इंजन का दम यानी केंद्र सरकार की वित्तीय सहायता बड़ी भूमिका निभाने जा रही है। वर्ष 2024-25 के लिए केंद्र के अंतरिम बजट में केंद्रीय करों में बढ़े हुए राज्यांश और विशेष पूंजीगत सहायता के रूप में लगभग 4645 करोड़ की राशि राज्य को प्राप्त होगी।
वित्तीय वर्ष 2024-25 में केंद्रीय करों में राज्यांश लगभग 13637 करोड़ अनुमानित है। बीते वर्ष के मूल अनुमान से यह 2217 करोड़ रुपये अधिक है। राज्यांश में यह वृद्धि राज्य के आर्थिक विकास की दृष्टि से महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
विशेष पूंजीगत सहायता के रूप में मिलेंगे 1500 करोड़
केंद्र सरकार ने अगले वित्तीय वर्ष के लिए विशेष पूंजीगत सहायता में 50 वर्षीय ब्याज मुक्त ऋण के संशोधित अनुमान को भी एक लाख करोड़ से बढ़ाकर 1.30 लाख करोड़ किया है। विशेष पूंजीगत सहायता के रूप में राज्य को विकास और निर्माण कार्यों के लिए लगभग 1500 करोड़ रुपये मिलने का रास्ता साफ हो गया है। अंतरिम बजट में पूंजीगत मद में खर्च किए जाने वाले बजट के आकार में 11.1 प्रतिशत की वृद्धि की है।
साथ ही केंद्र की महत्वाकांक्षी फ्लैगशिप योजनाओं के लिए भी धन आवंटन को बढ़ाया है। इसका सीधा लाभ उत्तराखंड समेत समस्त हिमालयी प्रदेशों को मिलेगा। विशेष दर्जा प्राप्त होने के कारण इन राज्यों को फ्लैगशिप समेत तमाम केंद्रपोषित योजनाओं में केंद्र से अधिक अनुदान मिलता है। स्वयं के सीमित वित्तीय संसाधन होने के कारण उत्तराखंड अवस्थापना विकास के लिए केंद्रीय योजनाओं पर अधिक निर्भर है।
इन योजनाओं में अधिक धन आवंटन से मिलेगा लाभ
मनरेगा, आयुष्मान भारत, नारी शक्ति, गरीब कल्याण देश का कल्याण, अन्नदाता, पीएम गतिशक्ति, पीएम आवास योजना-ग्रामीण, सौर ऊर्जा रूफटाप योजना व 300 यूनिट निश्शुल्क बिजली, कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण, उड़ान, डेयरी विकास, प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना, सेमी कंडक्टर एवं डिस्प्ले विनिर्माण पारितंत्र।