देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा में विपक्षी सदस्यों ने बुधवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कुछ करीबी लोगों के कथित तौर पर किसी वित्तीय सौदे पर बातचीत करते वायरल हो रहे वीडियो पर चर्चा की मांग को लेकर जमकर हंगामा किया। सुबह 11 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद्र अग्रवाल ने कल यहां एक अस्पताल में अंतिम सांस लेने वाले पद्मभूषण जगदगुरू शंकराचार्य स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि महाराज को भावभीनी श्रद्धांजलि दी। इसके तत्काल बाद, रानीखेत से कांग्रेस सदस्य करण माहरा ने कथित स्टिंग वीडियो के मुद्दे को उठाते हुए कहा कि यह वीडियो वायरल हो चुका है और इसमें मुख्यमंत्री के करीबी समझे जाने वाले लोग दिख रहे हैं, इसलिये इस पर तत्काल चर्चा करायी जानी चाहिए।
फिलहाल संसदीय कार्य मंत्री का भी दायित्व संभाल रहे कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने विपक्ष की इस मांग पर आपत्ति प्रकट करते हुए कहा कि यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है और इसलिये इस पर राज्य विधानसभा में चर्चा नहीं करायी जा सकती। विधानसभा कार्य संचालन नियमावली के नियम 285 का हवाला देते हुए कौशिक ने कहा कि इस मसले पर विधानसभा में चर्चा कराना न्यायपालिका के विशेषाधिकार का अतिक्रमण होगा। विधानसभा अध्यक्ष अग्रवाल ने कहा कि मंत्री जिम्मेदारी से अपनी बात कह रहे हैं और मामले के न्यायालय के विचाराधीन होने के कारण इस मामले में सदन में चर्चा नहीं करायी जा सकती। लेकिन माहरा चर्चा की अपनी मांग पर डटे रहे और उन्होंने कहा कि यह बहुत गंभीर विषय है क्योंकि इसमें मुख्यमंत्री के करीबी लोग शामिल हैं। संपूर्ण विधानसभा और इसके सदस्यों की प्रतिष्ठा दांव पर है।
माहरा के समर्थन में अन्य कांग्रेस सदस्य गोविंद सिंह कुंजवाल, प्रीतम सिंह, ममता राकेश आदि भी आ गये और अध्यक्ष के आसन के सामने खडे़ होकर चर्चा कराने की मांग करने लगे। इस दौरान अध्यक्ष ने कई बार सदस्यों से अपने स्थान पर बैठने को कहा, लेकिन अपनी बात अनसुनी होने पर उन्होंने सदन आधे घंटे के लिये स्थगित कर दिया। सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर विपक्षी सदस्य फिर अपनी मांग दोहराने लगे । बाद में वे सरकार के खिलाफ नारे लगाते हुए अध्यक्ष के आसन के सामने धरने पर बैठ गये। इस शोरशराबे के बीच सरकार ने आज के लिये सूचीबद्ध कार्य को निपटा दिया जिसके बाद अध्यक्ष ने सदन अनिश्चितकाल के लिये स्थगित कर दिया।