देहरादून। उत्तराखंड में कांग्रेस का चेहरा और प्रदेश के सबसे बड़े नेता हरीश रावत की हार भी सबसे बड़ी हुई। कालाढूंगी विधानसभा से रावत बुरी तरह हारे जबकि हल्द्वानी विधानसभा से हार का अंतर सबसे कम रहा। नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश भी रावत को अपनी विधानसभा से जीत का स्वाद नहीं चखा सकीं। रावत की प्रदेश में सबसे बड़ी 3 लाख 36 हजार वोटों से हार हुई है।
मतगणना सुबह आठ बजे से शुरू हुई। पांचों विधानसभा में एक भी ऐसी नहीं रही जिसमें पहले राउंड में रावत को जीत का स्वाद चखने को मिला हो। नैनीताल विधानसभा से रावत को 34,171 वोट भट्ट को मिले तो रावत को 22,970 वोट मिले। 11, 201 वोटों से रावत को शिकस्त मिली। कालाढूंगी विधानसभा में भट्ट को 75,693 और रावत को 25,119 वोट मिले।
लालकुआं विधानसभा से भट्ट को 56,094 और रावत को 19,625 वोट मिले। रावत को यहां से भी 36,469 वोटों से हार का मुंह देखना पड़ा। भीमताल विधानसभा से भट्ट को 34,383 तो रावत को 19,724 वोट मिले। रावत को 14, 659 वोटों से हार मिली। नेता प्रतिपक्ष के गढ़ में भी रावत ढेर हो गए। यहां भट्ट को 45,076 और रावत को 42,860 वोट मिले।
रावत के खाते में दर्ज हुई नवीं हार
कांग्रेस के दिग्गज नेता हरीश रावत लोकसभा चुनाव में पांच बार शिकस्त खा चुके हैं। उनकी पत्नी भी रेणुका रावत भी हरिद्वार से हार का मुंह देख चुकी हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में रावत को दो विधानसभा सीटों से हार का मुंह देखना पड़ा था। वर्ष 2019 में मिली हार के साथ ही उनके खाते में नवीं हार दर्ज हो गई।
अजय भट्ट ने दर्ज की भगत दा से बड़ी जीत
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व नैनीताल-ऊधम सिंह नगर लोकसभा सीट के प्रत्याशी अजय भट्ट ने 3,39, 096 मतों से रिकार्ड जीत हासिल की है। इस जीत के साथ उन्होंने 2014 में भगत सिंह कोश्यारी के 284717 से मिली जीत को पीछे छोड़ दिया है। 2014 चुनाव में भगत सिंह कोश्यारी को 636769 वोट मिले थे, जबकि प्रतिद्वंद्वी केसी सिंह बाबा को 352052 वोट मिले थे। भगत दा ने बाबा को 284717 वोट से हराया था। यह अब तक की सबसे बड़ी जीत थी। 2019 में प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने कांग्रेस प्रत्याशी व पूर्व सीएम हरीश रावत को 339096 मतों से हराया है। इसी के साथ इस सीट पर रिकार्ड मतों की जीत अजय भट्ट के नाम हो गई है।
पांच विधानसभाओं में 115119 वोट ज्यादा मिले
हल्द्वानी। नैनीताल-ऊधम सिंह नगर लोकसभा सीट पर भाजपा पर जमकर वोटों की बारिश हुई है। लालकुआं, कालाढूंगी, भीमताल, नैनीताल, हल्द्वानी विधानसभाओं में भाजपा को 245417 मत मिले हैं, जबकि कांग्रेस को 130298 मत मिले। इस तरह भाजपा ने नैनीताल जिले की पांच विधानसभाओं से 115119 मतों से बढ़त हासिल की है।
नैनीताल लोकसभा सीट पर भाजपा और कांग्रेस दिग्गजों के बीच चुनाव बेहद दिलचस्प रहा था। स्थानीय, राष्ट्रीय मुद्दों के साथ ही आखिर समय में ब्राह्मणवाद और ठाकुरवाद भी खूब चला था। दोनों दिग्गज ठाकुर और ब्राह्मण होने की वजह से इस कार्ड को खेला गया था लेकिन जनता ने कांग्रेस को सिरे से नकारने के साथ ही कार्ड को भी फेल कर दिया था। परिणाम के रुप में भाजपा के अजय भट्ट काबिज हुए और करीब 20 साल इस सीट पर ब्राह्मण सांसद की ताजपोशी हुई।
नैनीताल लोकसभा सीट पर इस बार भाजपा ने लंबे समय बाद ब्राह्मण प्रत्याशी के रूप में अजय भट्ट को टिकट दिया था। कांग्रेस प्रत्याशी हरीश रावत ठाकुर प्रत्याशी थे। दोनों वर्गों में ब्राह्मणवाद और ठाकुरवाद हावी नजर आया। चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा प्रत्याशी द्वारा ठाकुरों की एक जाति पर बयान देने से भी मामला उछला था। इसको बड़ा मुद्दा बनाया गया था। चुनाव प्रचार के अंतिम समय में इसने जोर पकड़ा था। प्रतिद्वंद्वी पार्टी के प्रत्याशी ठाकुर के कारण भी नैनीताल लोकसभा सीट पर ब्राह्मणवाद हावी रहा।आखिर में वर्ष 1999 के बाद पहली बार नैनीताल सीट पर ब्राह्मण प्रत्याशी की ताजपोशी हुई थी। इससे पूर्व वर्ष 1999 में ब्राह्मण प्रत्याशी के रूप में आखिरी बार एनडी तिवारी सांसद बने थे। दिलचस्प बात है कि अस्तित्व में आने के बाद लगातार पांच बार ब्राह्मण सांसद रहे थे। एनडी के अलावा इला पंत भी यहां से सांसद रही थी। कुल मिलाकर जनता ने सब कुछ दरकिनार कर मोदी के नाम पर अजय को जीत का आशीर्वाद देकर संसद पहुंचा दिया है।
नैनीताल लोकसभा सीट पर जीते प्रत्याशी
वर्ष प्रत्याशी पार्टी
1951 सीडी पांडे कांग्रेस
1957 सीडी पांडे कांग्रेस
1962 केसी पंत कांग्रेस
1967 केसी पंत कांग्रेस
1971 केसी पंत कांग्रेस
1977 भारत भूषण जनता पार्टी
1980 एनडी तिवारी कांग्रेस
1984 सत्येंद्र गुडिया कांग्रेस
1989 डॉ. महेंद्र पाल कांग्रेस
1991 बलराज पासी भाजपा
1996 एनडी तिवारी कांग्रेस
1998 इला पंत भाजपा
1999 एनडी तिवारी कांग्रेस
2002 डॉ. महेंद्र पाल कांग्रेस
2004 केसी बाबा कांग्रेस
2009 केसी बाबा कांग्रेस
2014 भगत कोश्यारी भाजपा