अयोध्या पहुंचे उत्तराखंड के सीएम धामी, रामलला के दरबार में लगाई हाजिरी
इस आयोजन से पहले दिल्ली सेवा धाम की ओर से शनिवार को निकाली गई राम बारात में भी मुख्यमंत्री धामी ने हिस्सा लिया। यह राम बारात रामकथा पार्क से मुख्य मार्ग होते हुए रामजन्मभूमि दर्शन मार्ग तक निकाली गई। मुख्यमंत्री धामी ने रामकथा पार्क के मुख्यद्वार पर रथयात्रा में विराजे भगवान के स्वरुपों का स्वागत किया। उन्होंने राम बारात में कुछ दूर तक कदमताल भी किया। इस मौके पर दिल्ली सेवा धाम के ट्रस्टियों व अन्य ने मुख्यमंत्री धामी का गर्मजोशी से अभिनंदन किया। इसके उपरांत रामलला के दर्शनावधि को ध्यान में रखते हुए कार द्वारा दर्शन के लिए प्रस्थान कर गये।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शनिवार को अयोध्या पहुंचे। मुख्यमंत्री का दायित्व ग्रहण करने के बाद पहली बार यहां आए धामी ने रामजन्मभूमि में विराजमान रामलला के दरबार में हाजिरी लगाई और हनुमानगढ़ी में भी माथा टेका। मुख्यमंत्री धामी यहां दिल्ली सेवा धाम की ओर से प्रस्तावित धर्मशाला निर्माण के लिए आयोजित भूमि पूजन समारोह में हिस्सा लेने आए हैं। दो दिवसीय यह समारोह रविवार को सरयू पुल के उस पार गोण्डा जनपद में आयोजित होगा।
रामनगरी में पत्रकारों से बातचीत में धामी ने कहा कि भगवान केदारनाथ उत्तराखंड में हैं और भगवान राम अयोध्या में है। दोनों के नाम भले दो हैं लेकिन स्वरूप एक ही है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की जनता राष्ट्र भक्त भी है और रामभक्त भी है। उन्होंने बताया कि वह विद्यार्थी परिषद के माध्यम संगठन के कार्य के सिलसिले में यहां कई बार आ चुके है। उन्होंने कहा कि पहले आते समय मन कचोटता था कि आखिर कब तक रामलला टाट में रहेंगे। उन्होंने कहा कि अब जब रामलला के मंदिर का निर्माण शुरु हो गया है तो हम सभी अभिभूत है।
मुख्यमंत्री धामी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि हम लोग किसान परिवार से भी और सैनिक परिवार से भी ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों के उत्थान और उनकी खुशहाली के लिए कई काम किया। किसान सम्मान निधि और किसानों की आय को दोगुना करने का भी प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के किसान केंद्र सरकार के प्रयासों से संतुष्ट हैं। उन्होंने बताया कि हम लोग अगले चुनाव की रणनीति तय की है और नारा दिया है कि अबकी बार साठ के पार। इस मौके पर सांंसद लल्लू सिंह, विधायक वेद प्रकाश गुप्त व अन्य भी मौजूद रहे।