कनाडा। मारिजुआना को वैध बनाने वाले जी-7 राष्ट्र के बाद कनाडा दुनिया का दूसरा देश है। दिसंबर 2013 में सबसे पहला देश उरुग्वे ने मारिजुआना के उत्पादन, बिक्री और खपत को वैध किया था। अब कनाडा में मारिजुआना को वैध बनाने वाला विधेयक पारित किया गया है। पड़ोसी अमेरिका के कोलंबिया में मारिजुआना के इस्तेमाल की अनुमति है।
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो का कहना है कि देश में 17 अक्टूबर से गांजे का इस्तेमाल वैध होगा। उन्होंने कहा कि इस कदम से संगठित अपराध कम होगा और देश के युवा सुरक्षित रहेंगे। हालांकि, अभी कनाडा का हर राज्य इसकी बिक्री के लिए नियम बना रहा है। कनाडा के नए कानून के तहत देश के सभी प्रांतों को गांजे के बिजनेस को नियमित बना लाइसेंस देने की अपनी व्यवस्था कायम करने की अनुमति है। अब व्यस्कों को 30 ग्राम गांजा लेने की अनुमति होगी।
ट्रूडो ने विधेयक पारित किए जाने पर ट्वीट किया, ‘बच्चों के लिए मारिजुआना का इस्तेमाल काफी आसान रहा है और अपराधियों ने भी इसका काफी फायदा उठाया है। आज हम इसे बदल रहे हैं।
‘प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के द्वारा एक कैंपेन का आयोजन हुआ जिसमें कम उम्र के यूजर्स से मारिजुआना को दूर रखने और अपराध को कम करने का लक्ष्य रखा गया। इस कैंपेन के बाद विधेयक सी-45 जिसे कैनाबिस एक्ट के तौर पर भी जाना जाता है, को बनाया गया।
मारिजुआना पॉलिसी प्रोजेक्ट के अनुसार, कनाडा के संविधान में कैनाबिस एक्ट के तहत देश के सभी प्रांतों को मारिजुआना बिजनेस को नियमित बना लाइसेंस देने की अपनी व्यवस्था कायम करने की अनुमति है।
प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो सरकार ने उम्मीद जतायी की इसे 1 जुलाई तक वैध कर दिया जाएगा लेकिन बुधवार को उन्होंने कहा कि पूरे देश में इसे 17 अक्टूबर तक वैध किया जाएगा। इससे पहले मारिजुआना को वैध बनाने वाला उरुग्वे दुनिया का पहला देश था। प्रधानमंत्री ट्रूडो ने विधेयक पारित किए जाने पर ट्वीट कर कहा, ‘बच्चों के लिए मारिजुआना का इस्तेमाल काफी आसान रहा है और अपराधियों ने भी इसका फायदा अब तक काफी उठाया है। आज हम इसे बदल रहे हैं। मारिजुआना को रेगुलेट और वैध बनाने की हमारी योजना संसद में पारित हुई है।
बता दें कि भारत में भी शशि थरूर ने मारिजुआना को कानूनी रूप से वैध करने का सुझाव रखा है। इस तरह की मांग इससे पहले योग शिक्षक रामदेव भी कर चुके हैं। दुनिया भर में ऐसे बुद्धिजीवी, प्रोफेसर, सेलेब्रिटी और तमाम लोग हैं जो, मारिजुआना, वीड या गांजे को अवैध ड्रग्स के दायरे से बाहर निकालना चाहते हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में 60 प्रतिशत लोग गांजे को वैध करने के पक्ष में हैं।