उत्तराखंड राज्य में मिलेगा अतिरिक्त खाद्यान्न, त्रिवेंद्र सरकार ने बढ़ाया राशन कोटा
राज्य खाद्य योजना के तहत पीला राशन कार्ड धारक यानी एपीएल परिवारों को पहले साढ़े सात किलो राशन मिलता था। इसके बाद लॉकडाउन में सरकार ने इसे बढ़ाकर 15 किलो कर दिया था। अब लॉकडाउन में सरकार ने दूसरी बार कोटा बढ़ाकर 20 किलो कर दिया।
त्रिवेंद्र सरकार ने राज्य खाद्य योजना के तहत आने वाले साढ़े दस लाख एपीएल परिवारों को राहत दी है। सरकार ने इन परिवारों को प्रति माह मिलने वाला सस्ता राशन का कोटा बढ़ाकर 20 किलो कर दिया है। लॉकडाउन के कारण सरकार ने दूसरी बार राशन कोटा बढ़ाने का निर्णय लिया है।
त्रिवेंद्र सरकार ने राज्य खाद्य योजना के तहत आने वाले साढ़े दस लाख एपीएल परिवारों को राहत दी है। सरकार ने इन परिवारों को प्रति माह मिलने वाला सस्ता राशन का कोटा बढ़ाकर 20 किलो कर दिया है। लॉकडाउन के कारण सरकार ने दूसरी बार राशन कोटा बढ़ाने का निर्णय लिया है।
अप्रैल, मई और जून माह में प्रति कार्ड पर 20 किलो राशन मिलेगा। इसमें 8.60 रुपये प्रति किलो के हिसाब से 10 किलो गेहूं और 11 रुपये प्रति किलो के हिसाब से 10 किलो चावल दिया जाएगा।सचिव खाद्य आपूर्ति सुशील कुमार ने बताया कि राज्य खाद्य योजना के साढ़े दस लाख परिवारों को इस माह अप्रैल व मई का राशन कोटा एक साथ दिया जाएगा। जबकि जून माह का राशन जून में वितरित किया जाएगा। शासन ने सभी जिलों को आदेश जारी कर दिए हैं।
तीन माह का एडवांस राशन |
त्रिवेंद्र सरकार ने बढ़ाया राशन कोटा
प्रदेश में 92 सौ से अधिक सस्ते गल्ले की दुकानों के माध्यम से सरकार ने 23 लाख से अधिक राशन कार्ड धारकों को तीन माह का एडवांस सस्ता राशन वितरित किया है। इसमें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा के तहत प्राथमिक और अंत्योदय परिवार व राज्य खाद्य योजना के एपीएल कार्ड धारकों को 7.31 लाख कुंतल खाद्यान्न वितरित किया गया।
बिना राशन कार्ड वाले परिवारों को बांटी 1.33 लाख किट
सरकार ने बिना राशन कार्ड वाले गरीब व श्रमिकों का पूरा ख्याल रखा है। प्रदेश के सभी जनपदों में जिला प्रशासन के माध्यम से अब तक 1.33 लाख खाद्य सामग्री की किट बांटी हैं।
प्रदेश में आटा की आपूर्ति को सुचारु रखने के लिए सरकार ने एफसीआई के माध्यम से आटा मिलों को गेहूं उपलब्ध कराया है। अब तक 13 हजार 775 कुंतल गेहूं इन मिलों को दिया गया।
त्रिवेंद्र सरकार ने किसानों को समय पर गेहूं का भुगतान करने की व्यवस्था की है। 48 घंटे की समय सीमा में किसानों को गेहूं का भुगतान किया गया है। खाद्य आपूर्ति विभाग ने 15 अप्रैल से प्रदेश भर में 230 क्रय केंद्रों के गेहूं की खरीद शुरू की थी। प्रदेश सरकार की ओर से किसानों को समय पर भुगतान करने के लिए 35 करोड़ की राशि दी गई थी।
अब तक क्रय केंद्रों पर 1.29 लाख कुंतल गेहूं खरीदा गया। इसमें 2334 किसानों को निर्धारित समय सीमा में 20 करोड़ भुगतान किया गया है। सचिव खाद्य आपूर्ति सुशील कुमार ने बताया कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए क्रय केंद्रों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन किया जा रहा है।
ई-खरीद पोर्टल से किसानों को टोकन दिए जा रहे हैं। प्रत्येक क्रय केंद्र में एक दिन में 10 किसानों से पांच सौ कुंतल ही गेहूं खरीदने की सीमा रखी गई है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 15 मार्च से लेकर अब तक सभी क्रय केंद्रों पर 1.29 लाख कुंतल गेहूं खरीदा गया है। केंद्र सरकार की ओर से तय न्यूनतम समर्थन मूल्य 1925 रुपये प्रति कुंतल के साथ राज्य सरकार की ओर से 20 रुपये का अतिरिक्त बोनस दिया जा रहा है।