सार्वजनिक वाहनों का तीन महीने का वाहन कर माफ, नवीनीकरण शुल्क भी नहीं देना होगा

सार्वजनिक वाहनों का तीन महीने का वाहन कर माफ, नवीनीकरण शुल्क भी नहीं देना होगा

प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया था। सरकार पर सार्वजनिक वाहनों से जुड़े संगठनों ने राहत देने का दबाव बनाया था। उनकी परेशानी को देखते हुए मंत्रिमंडल ने उन्हें राहत देने का फैसला किया था। सचिव परिवहन शैलेश बगौली के निर्देश पर जारी अधिसूचना में ये दोनों छूट दे दी गई है।

उत्तराखंड में सार्वजनिक वाहनों का तीन महीने का वाहन कर माफ कर दिया गया है। शासन ने बृहस्पतिवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी। साथ ही सार्वजनिक वाहनों को वर्ष 2020-21 में एक बार परमिट नवीनीकरण के समय नवीनीकरण शुल्क नहीं देना होगा। ये दोनों छूट कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन के कारण ठप पड़े ट्रांसपोर्ट सेक्टर को राहत देने के उद्देश्य दी गई है।

वाहन कर में तीन महीने की छूट प्राप्त करने वाले वाहनों में कैरीज बस, कांट्रेक्ट कैरीज बस, कैरीज टैक्सी, मैक्सी कैब, कांट्रेक्ट कैरीज ऑटो रिक्शा, कांट्रेक्ट कैरीज विक्रम, एवं ई रिक्शा शामिल हैं।

यह राहत देने से सरकारी खजाने पर 37.07 करोड़ रुपये का व्यय भार पड़ेगा। इसी तरह इन सभी वाहनों को 31 जनवरी 2020 की तिथि के बाद वर्ष 2020-21 में एक बार परमिट नवीनीकरण शुल्क से छूट रहेगी। यह छूट देने से राजकोष पर 4.85 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा।

ढुलाई वाहनों को छूट नहीं सार्वजनिक वाहनों में शामिल ढुलाई वाहन (ट्रक व अन्य वाहन) को यह राहत नहीं दी गई है। परिवहन आयुक्त कार्यालय ने शासन को जो प्रस्ताव भेजा था, उसमें ढुलाई वाहनों के लिए छूट भी शामिल थी।

लेकिन वित्त विभाग में प्रस्ताव गया तो इसमें से ढुलाई वाहनों को हटा दिया गया। अब यह छूट ढुलाई वाहनों को छोड़कर बाकी वाहनों पर लागू की गई है। यानी राहत पाने वाले सार्वजनिक वाहनों की संख्या करीब 90 हजार है।

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