नई दिल्ली। राजस्थान और तेलंगाना विधानसभा चुनाव में शुक्रवार को शाम पांच बजे तक क्रमश: 72.62 और 67 प्रतिशत मतदान हुआ। पिछले चुनाव की तुलना में लगभग ढाई प्रतिशत कम मतदान हुआ। वरिष्ठ उप चुनाव आयुक्त उमेश सिन्हा और उप चुनाव आयुक्त संदीप सक्सेना ने यह जानकारी देते हुये बताया कि दोनों राज्यों में शांतिपूर्ण मतदान सम्पन्न हो गया। राजस्थान में 200 सदस्यीय विधानसभा की 199 सीटों के लिये और तेलंगाना में 119 सदस्यों वाली विधानसभा की सभी सीटों के लिये मतदान हुआ। सिन्हा ने बताया कि तेलंगाना के लगभग 2.3 करोड़ मतदाताओं में से शाम पांच बजे तक 67 प्रतिशत मतदाताओं ने मतदान में हिस्सा लिया। राज्य में पहली विधानसभा के लिये 2014 में हुये चुनाव में 69.5 प्रतिशत मतदान हुआ था। पिछले चुनाव की तुलना में इस बार 2.5 प्रतिशत कम मतदान हुआ।
सक्सेना ने बताया कि राजस्थान में लगभग 4.77 करोड़ मतदाताओं में से शाम पांच बजे तक 72.62 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। राज्य में 2013 के चुनाव में मतदान का प्रतिशत 75.23 रहा था। यह पिछले चुनाव की तुलना में 2.59 प्रतिशत कम है। उन्होंने बताया कि राजस्थान में 2014 के लोकसभा चुनाव में 63.02 प्रतिशत मतदान हुआ था। सिन्हा ने बताया कि दोनों राज्यों में शाम पांच बजे मतदान की समयसीमा खत्म होने के बाद तमाम मतदान केन्द्रों में मतदाताओं की मौजूदगी बरकरार रहने के कारण अभी मतदान चल रहा है।
पूरी तरह से मतदान खत्म होने के बाद मत प्रतिशत संबंधी अंतिम आंकड़े बाद में जारी किये जायेंगे। सक्सेना ने बताया कि राजस्थान की अलवर सीट पर बसपा उम्मीदवार के निधन के कारण मतदान स्थगित कर दिया गया था। इस सीट पर मतदान की तारीख जल्द घोषित की जायेगी। सिन्हा ने बताया कि तेलंगाना में नक्सल हिंसा प्रभावित 13 सीटों पर भी शांतिपूर्ण मतदान हुआ। राज्य में 88 सामान्य सीटों के अलावा 19 अनुसूचित जाति और 12 अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिये आरक्षित हैं।
दोनों राज्यों में मतदान के दौरान ईवीएम में गड़बड़ियों की जानकारी देते हुये उपचुनाव आयुक्त सुदीप जैन ने बताया कि तेलंगाना में 959 वीवीपेट (2.92 प्रतिशत) और राजस्थान में 751 (1.45 प्रतिशत) वीवीपेट मशीनों में गड़बड़ी की शिकायत मिलने पर उन्हें बदलना पड़ा। इसके अलावा तेलंगाना में 394 बेलिट यूनिट (0.86 प्रतिशत) और 313 कंट्रोल यूनिट (0.95 प्रतिशत) जबकि राजस्थान में 183 बेलिट यूनिट (0.31 प्रतिशत) और 162 कंट्रोल यूनिट (0.31 प्रतिशत) गड़बड़ी के कारण बदलनी पड़ी। उपचुनाव आयुक्त उमेश शर्मा ने बताया कि दोनों राज्यों में चुनाव के दौरान मतदाताओं को अवैध रूप से प्रलोभन देने के लिये वितरित की जाने वाली धनराशि, शराब और अन्य वस्तुओं की धरपकड़ के लिये व्यापक अभियान चलाया गया था।