सेहत के लिए बेहद खतरनाक हैं गर्भपात की गोलियां

गर्भवती होना किसी भी स्त्री के जीवन की सबसे बड़ी खुशियों में से एक है। हर महिला अपने गर्भ में एक नन्हीं सी जान को पलते−बढ़ते हुए देखना चाहती है। लेकिन यही खुशियां तब एक दुखद स्वप्न में तब्दील हो जाती है, जब गर्भावस्था अनचाही व अप्रत्याशित हो। इन अनचाही गर्भावस्था को समाप्त करने के लिए महिला के पास कई तरह के विकल्प मौजूद हैं और उन्हीं में एक है गर्भपात की गोलियां लेना। हालांकि इसे लेने के कई नुकसान भी हो सकते हैं। तो चलिए जानते हैं गर्भपात गोलियों से सेहत को होने वाले खतरे के बारे में−

गर्भपात की गोली लेने के बाद पेट, पेल्विक क्षेत्र व पीठ के निचले हिस्से में काफी तेज दर्द हो सकता है। यह दर्द मासिक धर्म में होने वाले दर्द से भी कहीं अधिक तीव्र होता है। इसलिए गर्भपात की गोली लेने से पहले एक बार डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें। साथ ही डॉक्टर की सलाह पर दर्द कम करने के लिए पेनकिलर्स लिए जा सकते हैं।

जब आप गर्भपात की गोली लेती हैं तो इसे प्रोजेस्टेरोन का उत्पादन बंद हो जाता है और भ्रूण गर्भाशय से अलग हो जाता है जिससे रक्तस्राव शुरू हो जाता है। यह रक्तस्राव सामान्य से कहीं अधिक होता है। यहां तक कि रक्तस्राव के दौरान आपको गांठ व थक्के का अहसास भी होता है और यह रक्तस्राव कई दिनों तक चल सकता है।

गर्भपात की गोली लेने के बाद कई बार पूरी तरह से गर्भपात नहीं होता, जो वास्तव में काफी खतरनाक हो सकता है। अगर गोली लेने के बाद पूरी तरह से गर्भपात न हो तो ऐसे में सर्जरी करना बेहद आवश्यक हो जाता है। अगर आपका रक्तस्राव बंद नहीं हो रहा है और आपको लंबे समय तक बुखार, तेज दर्द व ऐंठन का अहसास बना रहे तो यह अपूर्ण गर्भपात की ओर इशारा करते हैं। ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

गर्भपात की गोली जब असफल हो जाती है तो गोली लेने के बाद भी गर्भपात नहीं होता। ऐसा ज्यादातर उन स्थितियों में देखा जाता है, जब गर्भपात की गोलियों का सेवन नौ सप्ताह या उसके बाद किया जाता है। इस स्थिति में सर्जिकल गर्भपात विधि ही बेहद सुरक्षित व कारगर मानी जाती है।

गर्भपात की गोली लेने के बाद महिला को कई तरह की शारीरिक समस्याओं जैसे दस्त, अत्यधिक रक्त स्राव के चलते गंभीर ऐंठन, जी मचलाना, उल्टी या मतली का अहसास, चक्कर आना, सिर में तेज दर्द व बुखार से दो−चार होना पड़ सकता है। अगर इनमें से कोई भी लक्षण बहुत अधिक हो, तो डॉक्टर से संपर्क करना आवश्यक हो जाता है। मसलन, अगर आपको कमजोरी के कारण चक्कर आ रहे हैं। यहां तक कि आपको लगता है कि आप बेहोश हो जाएंगी तो डॉक्टर से उसी समय मिलें।

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