फ्रांस की मीडिया ने फेकग्रुप बनाया, उड़ाया नारीवादियों का मजाक

पेरिस। फ्रांसीसी मीडिया के युवा अधिकारियों का एक समूह महिला सहकर्मियों को ऑनलाइन परेशान करने वाले ‘‘लड़कों’’ का एक फेसबुक ग्रुप चलाने पर आलोचनाओं के घेरे में है। उनके क्लोज्ड फेसबुक ग्रुप ‘‘लीग ऑफ लोल’’ में अधिकतर वे पुरुष शामिल हैं जिनकी आयु 30 वर्ष के आस-पास है। वे वर्षों से महिला पत्रकारों का उपहास उड़ाते रहे हैं और इस ग्रुप पर महिलाओं को निशाना बनाते हुए अश्लील मीम का भी इस्तेमाल किया गया है।

इस ग्रुप पर विशेष रूप से उन महिलाओं को निशाना बनाया गया जो नारीवादी समझी जाती हैं। वामपंथी रुझान वाले दैनिक समाचार पत्र ‘लिबरेशन’ ने अपनी जांच के बाद ग्रुप के संस्थापक एवं पत्रकार विन्सेंट ग्लैड को सोमवार को निलंबित कर दिया। समाचार पत्र की तथ्यों की जांच करने वाली इकाई ने ही इस ग्रुप के बारे में पता लगाया। इस खुलासे के बाद समाचार पत्र के ऑनलाइन संपादक अलेक्सजांद्र हेर्वाड को भी निलंबित कर दिया गया।

फ्रांस की पत्रिका लेस इनरोक्युप्टिबल के डेविड डोसेट को भी निलंबित कर दिया गया। ग्रुप का शिकार हुई महिलाओं ने बताया कि किस प्रकार परेशान होकर एक महिला ने पत्रकारिता ही छोड़ दी और एक अन्य महिला ने खुद को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की। इस ली मोंदे समाचार पत्र ने सोमवार को बताया कि उसने हफिंग्टन पोस्ट समाचार साइट के फ्रांसीसी संस्करण के तीन पत्रकारों को इस मामले में निष्कासित कर दिया है। हफिंग्टन पोस्ट समाचार साइट के फ्रांसीसी संस्करण में ली मोंदे की हिस्सेदारी है। ग्लैड ने ट्विटर पर माफी मांगते हुए लिखा कि वह 2013 से अपने वे ट्वीट देखकर भयातुर हैं जिनमें ‘‘उन्होंने बलात्कार के बारे में मजाक किया। मैं शर्मसार हूं’’।

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