टिहरी। जौनपुर ब्लॉक के सकलाना पट्टी का दूरस्थ गांव बाडयू (कुंदणी) जो आज भी सड़क मार्ग से अलग थलग हैं। जहाँ आज भी सड़क मार्ग से कई किलोमीटर पैदल चलकर इस गांव में पहुचते हैं। लेकिन जिनके दिल मे लोगों के बीच पहुचने का जज़्बा हो, पैदल ही क्यों न हो वो वहां पहुंच ही जाते हैं। एक ऐसे ही शख्स हैं जो पर्यावरण संरक्षण, संवर्द्धन व पौधारोपण तथा जन-जन को जागरूक व प्रेरित करने के लिए पैदल ही क्यों न हो वो वहां पहुंच जाते हैं।
यह बहुत बड़ी बात है आज जहाँ गांव से लोग पलायन कर रहे हैं वही एक ऐसा शख्स जो दुर्गम क्षेत्र में अपनी सेवा के साथ साथ ग्रामीण लोगो को जागरूक व प्रेरित कर रहे है। हम बात कर रहे हैं वृक्षमित्र डॉ. त्रिलोक चंद्र सोनी की। डॉ त्रिलोक चंद्र सोनी राजकीय इण्टर कालेज मरोड़ा (सकलाना) में प्रवक्ता भूगोल के पद पर कार्यरत हैं।
मौसम विभाग की चेतावनी के चलते जिलाधिकारी द्वारा अवकाश होने के कारण डॉ. सोनी अपने कर्तव्यों का निर्वाहन करते हुए विद्यालय से 5 किमी. पैदल चलकर बाडयू (कुंदणी) गांव पहुचे जहाँ उन्होंने ग्रामीणों को वनों व पर्यावरण संरक्षण के बारे में बताया और ग्रामीणों के साथ फलदार संतरा व आड़ू के पौधों का रोपण भी किया। उन्होंने सभी ग्रामीणों से फलदार पौधे लगाने की अपील की।
वृक्षमित्र डॉ. त्रिलोक चंद्र सोनी ने कहा कि मौसम के चलते विद्यालय में डीएम द्वारा अवकाश होने के कारण बच्चे नही आये हैं खाली विद्यालय में रहने से अच्छा गांव के लोगो के बीच हमारा संवाद होना जरूरी हैं जिससे अभिभावकों व शिक्षकों के बीच एक अच्छा समन्वय स्थापित हो सके।
उन्होंने कहा- “मेरा यही प्रयास रहता हैं कि मैं हर अभिभावक से सम्पर्क करके बच्चे की गतिविधि से अवगत कराता रहूँ।” डॉ. सोनी ने कहा “मुझे अच्छा लगा कुंदणी गांव के लोगों से मिलकर। वे विषम परिस्थिति में रह रहे हैं लेकिन वहां के बच्चे हमारे विद्यालय में आते हैं, उनसे मिलना हमारा कर्तव्य हैं।” उन्होंने कहा मैंने उन्हें पौधारोपण के साथ बोर्ड परीक्षाओं के लिए बच्चों को घर के कार्यो में न लगाकर अधिक पढ़ने के लिए प्रेरित करने का अनुरोध किया है।
ताकि बच्चे परिषदीय परीक्षा में अच्छे अंको से पास हो सके। उन्होंने कहा कि बच्चों की सफलता ही हम शिक्षकों की सबसे बड़ी खुशी होती हैं। इस कार्यक्रम में आयुष रावत, कल्पना रावत, रजनी, रमेश रावत, मंजीत सिंह, हरीश सिंह, पूरण सिंह, अजय पंवार, दिनेश रावत, पदम् सिंह, कृष्ण, क्वारा देवी, सुमन रावत, सोबनी देवी, लीला देवी एवं सुमन देवी आदि लोग शामिल रहे।