नयी दिल्ली। आगामी लोकसभा चुनाव में दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में अकेले चुनाव लड़ने की आम आदमी पार्टी (आप) की घोषणा को ज्यादा तवज्जो नहीं देते हुए कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि उसकी राज्य इकाइयां तो पहले ही अरविंद केजरीवाल की पार्टी के साथ तालमेल के स्पष्ट रूप से खिलाफ थीं। दरअसल, आप की दिल्ली इकाई के संयोजक गोपाल राय ने शुक्रवार को कहा कि हम दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में अकेले ही चुनाव लड़ेंगे।
राय ने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं होने के लिये कांग्रेस नेताओं के ‘अहंकारी रुख’ को जिम्मेदार ठहराते हुये कहा कि जिस प्रकार कांग्रेस के नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह और शीला दीक्षित के बयान आ रहे हैं, उनसे यह स्पष्ट है कि देशहित से कांग्रेस का कुछ लेना-देना नहीं है और उसके लिए अपना अहंकार सर्वोपरि है।
कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करने के आप के फैसले पर कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि मुझे लगता है कि इन तीनों राज्यों की कांग्रेस इकाइयों का नेतृत्व शुरूआत से ही आप के साथ किसी भी तरह के गठबंधन के खिलाफ था। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष शीला दीक्षित ने इस पर टिप्पणी से इनकार किया। कांग्रेस की दिल्ली इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने कहा, ‘उनके फैसले पर हम क्या कह सकते हैं।
हमारी तरफ से गठबंधन को लेकर कोई बात नहीं हुई थी। दिल्ली के लोगों में कांग्रेस के प्रति फिर से विश्वास पैदा हुआ है तथा आप देखेंगे कि जनता भाजपा और आप दोनों को खारिज करेगी।’ हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक तंवर ने कहा, ‘आम आदमी पार्टी हरियाणा में कहीं नहीं है। इनकी गंभीरता का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि लोकसभा चुनाव से पहले जींद में देश का आखिरी उपचुनाव हो रहा है, लेकिन आप नहीं लड़ रही है। दरअसल, हरियाणा में इनका कोई आधार नहीं है। राज्य में कांग्रेस को किसी गठबंधन की जरूरत नहीं है।’