देहरादून। राजपुर रोड़ स्थित पेस्टल वीड स्कूल मे कक्षा 9 मे पढ़ने वाली छात्रा के साथ स्कूल के स्विमिंग कोच द्वारा छेड़छाड़ का मामला सामने आया था जिसमे पीड़िता के अभिभावकों द्वारा प्रेस वार्ता करके मामले का खुलासा किया गया। जहां एक ओर स्कूल प्रशासन द्वारा इस मामले को दबाने के लिए हर प्रकार अभिभावकों पर निरंतर दबाव बनाया जा रहा है।
मीडिया ने जब इस मुद्दे को प्राथमिकता से उठाया तो पेस्टल वीड स्कूल के प्रबंधक प्रेम चन्द कश्यप अपने एडमिनिस्ट्रेटर मनीष भारद्वाज के साथ पीड़िता के घर उस वक्त जा धमके जब घर पर पीड़िता के माता पिता मौजूद नही थे इसकी खबर जैसे ही बच्चों ने पंजाब गयी अपनी माता को दी तो उन्होंने वहीं नैशनल एसोसिएशन फॉर पैरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स (NAPSR ) के अध्यक्ष आरिफ खान को फोन करके मदद करने की गुहार लगाई जिस पर आरिफ ने उन्हें बताया कि वह पहले पुलिस को फोन कर के जानकारी दे दें तब तक हम टीम के साथ पहुंच रहे हैं।
लगभग एक घण्टे के अंतराल में स्कूल प्रबंधक द्वारा पीड़ित परिवार को हर प्रकार के प्रलोभन और घुमा फिरा कर केश वापस लेने के लिए दबाव बना लिया किन्तु जब वहां थाना राजपुर से जब पुलिस कर्मी पहुंचे तो पीड़ित परिवार को आश्वासन देने की बात कह कर स्कूल प्रबंधक ने पुलिसकर्मियों को चलता कर दिया और दुबारा से पीड़ित परिवार पर दबाव बनाने लगा किन्तु NAPSR की टीम के पहुंचने के बाद वो बिना समय गवाए वहां से ये कहते हुए चले गए कि यदि पीड़ित परिवार को आर्थिक तौर पर कोई भी मदद चाहिए तो वो कॉल कर सकते हैं।
इस पर एसोसिएशन के अध्यक्ष आरिफ खान ने आपत्ति जताते हुए कहा कि आज निजी स्कूलों के सर पर पैसे का नशा इस कदर हावी हो गया है कि अपराधी इनके स्कूलों मे अपराध करता रहता है और ये निजी स्कूल उसे अपने पैसे के दम पर बचाने का हर भरकस प्रयास करते हैं यहां तक कि पीड़ित परिवार व उनका साथ देने वालों को खरीदने और जान-माल की धमकी देने से भी गुरेज नही करते।
इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मानवाधिकार एवं समाजिक न्याय संगठन की प्रदेश अध्यक्ष मधु जैन ने कहा कि स्कूल प्रबंधन ने मामले को रफा-दफा करने की भी कोशिश की जो अत्यंत निंदनीय है। यह शर्म का विषय है कि स्कूल प्रबंधन अपनी मोटी फीस के लिए ऐसी घटनाओं को छुपा लेता है।जिससे वहां पर रह रही छात्राओं की सुरक्षा पर सवाल उठते हैं।
उन्होंने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मांग की है कि वहां पर सीसी कैमरे और बोर्डिंग स्कूल की जांच की जाए और इनके ऊपर भी एक कमेटी बिठाई जाए जिससे समय-समय पर जांच की जा सके कि कोई ऐसा बोर्डिंग तो नहीं है जहां पर ऐसी घटनाएं हो रही है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की घटना से उत्तराखंड राज्य और बाहर से आए सैलानियों का भी नाम खराब हो रहा है। यहां जितने भी बोर्डिंग स्कूल है वहां पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जाएं।