इस्लामाबाद। पाकिस्तान की एक भ्रष्टाचार निरोधक अदालत ने अपदस्थ प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को अल-अजीजिया स्टील मिल्स भ्रष्टाचार के मामले में सोमवार को सात साल जेल की सजा सुनाई जबकि फ्लैगशिप इनवेस्टमेन्ट भ्रष्टाचार मामले में उन्हें बरी कर दिया। जवाबदेही अदालत के जज मुहम्मद अरशद मलिक ने शरीफ परिवार के खिलाफ भ्रष्टाचार के शेष दो मामलों में फैसला सुनाया।
अदालत ने पिछले सप्ताह सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। जियो टीवी की रिपोर्ट के अनुसार जज मलिक ने अपने फैसले में कहा कि अल-अजीजिया मामले में 68 वर्षीय पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ ठोस सबूत है। शरीफ को जब सजा सुनाई गई उस समय वह अदालत में मौजूद थे।
सुप्रीम कोर्ट ने तीन बार प्रधानमंत्री रह चुके शरीफ के खिलाफ भ्रष्टाचार के शेष बचे दो मामलों का निपटारा करने के लिए सोमवार की समयसीमा तय की थी। राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो ने आठ सितम्बर, 2017 को तीन मामले एवनफील्ड प्रॉपर्टीज मामला, फ्लैगशिप इनवेस्टमेंट मामला और अल-अजीजिया स्टील मिल्स मामला शुरू किया था। सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई, 2017 में पनामा पेपर्स मामले में शरीफ को अयोग्य ठहराया था।
एवनफील्ड प्रॉपर्टीज मामले में जुलाई, 2018 में शरीफ, उनकी पुत्री मरियम और दामाद सेवानिवृत्त कैप्टन मोहम्मद सफदर को क्रमश: 11 वर्ष, आठ वर्ष और एक वर्ष की सजा सुनाई थी। हालांकि सितम्बर में इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने उन्हें जमानत दे दी थी।