अमेरिका-सऊदी संबंधों में बढ़ रही दरार, खगोशी की हत्या बानी वजह

वाशिंगटन। अमेरिका पर 11 सितंबर, 2001 को 19 विमान अपहर्ताओं ने हमला किया था, जिनमें से 15 सऊदी अरब के थे। इसके बाद सऊदी अरब ने अमेरिका के साथ अपने महत्वपूर्ण संबंध को बचाने के लिए लॉबिंग शुरू की। अमेरिका को प्रभावित करने के लिए 10 करोड़ अमेरिकी डॉलर खर्च करने के बाद भी तेल समृद्ध इस देश के लिए अमेरिका के साथ संबंधों पर अब संकट खड़ा हो गया है। ऐसे अमेरिकी सांसद और संस्थान जो सऊदी शहजादे के साथ मित्रता करने के लिए उत्साहित रहते थे और रियाद से खुशी-खुशी धन स्वीकार करते थे, वे अब रियाद से दूरी बना रहे हैं।
स्व निर्वासित सऊदी पत्रकार जमाल खशोगी की इस्तांबुल में सऊदी वाणिज्य दूतावास में हत्या होने के बाद सऊदी अरब के खिलाफ अंततराष्ट्रीय स्तर पर आक्रोश उभरा है, जो पिछले वर्षों में शायद ही देखा गया हो। अब अमेरिका के सांसदों ने कभी न सोचे जाने वाले कदम भी सऊदी अरब के खिलाफ प्रस्तावित किए हैं जैसे कि सऊदी अरब के साथ हथियारों की बिक्री को स्थगित और उसके राजदूत को निष्कासित करना। सऊदी अरब अमेरिकी हथियारों का सबसे बड़ा खरीदार है। हालांकि इस सबके बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सऊदी अरब के साथ संबंधों को आगे बढ़ाने की ही बात कही है।
फॉरेन इन्फ्लुएंस ट्रांसपेरेंसी इनिशिएटिव एट द सेंटर फॉर इंटरनेशनल पॉलिसी के निदेशक बेन फ्रीमैन ने कहा, ‘‘ज्यादातर अमेरिकी सऊदी अरब के बारे में कुछ नहीं जानते हैं। यह देश बड़ा पर्यटन स्थल भी कई वजहों से नहीं है और इस वजह से पीआर फर्मों को अपनी बात रखने में आसानी हो जाती है।’ खशोगी के लापता होने के बाद कम से कम चार लॉबिंग कंपनियों ने कहा है कि वे अब सऊदी अरब का प्रतिनिधत्व नहीं करेंगी।

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