देहरादून। राजधानी के दून महिला अस्पताल में व्याप्त अव्यवस्थाओं को लेकर उत्तराखंड क्रांति दल महिला प्रकोष्ठ ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया। महिला कार्यकर्ता चिकित्साधीक्षक डॉ. मीनाक्षी जोशी से मिलने पहुंचीं, लेकिन महिलाओं के तेवर देख चिकित्साधीक्षक वहां से निकल गईं। इससे कार्यकर्ता आग बबूला हो गईं और अस्पताल के भीतर ही प्रदर्शन करने लगीं। जब स्टाफ ने आपत्ति जताई तो उनके साथ भी जमकर बहस हुई। हंगामे की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद कार्यकर्ताओं को शांत कराया।
यूकेडी महिला प्रकोष्ठ की केंद्रीय अध्यक्ष रामेश्वरी चौहान के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने दून अस्पताल चौक पर जच्चा-बच्चा की मौत की घटना को लेकर सीएम का पुतला फूंका। इसके बाद महिलाएं जुलूस की शक्ल में नारेबाजी करती हुईं दून महिला अस्पताल में चिकित्साधीक्षक कार्यालय पहुंचीं, लेकिन जैसे ही चिकित्साधीक्षक ने महिलाओं को आता देखा तो वह निकल गईं। यह बात जब कार्यकर्ताओं को पता चली तो वह और भड़क गईं।
उन्होंने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। करीब 15 से 20 मिनट बाद स्टाफ ने प्रदर्शनकारियों से अस्पताल में हो रहे व्यवधान को लेकर आपत्ति जताई। इस पर कार्यकर्ता और भड़क गईं और नर्सों से ही भिड़ गईं। इस दौरान कई बार दोनों पक्षों में धक्का-मुक्की की नौबत भी आई। मौके पर पहुंची पुलिस ने उन्हें बमुश्किल शांत कराया।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि महिला अस्पताल में डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ की लापरवाही के कारण आए दिन मौतें हो रही हैं। दुर्भाग्य यह है कि स्वास्थ्य विभाग के मुखिया खुद मुख्यमंत्री हैं। दून महिला अस्पताल में गर्भवती महिलाओं को बेड तक नसीब नहीं हो रहा। उन्होंने सीएम से नैतिकता के आधार पर इस्तीफे की मांग की। प्रदर्शन करने वालों में राजेश्वरी रावत, सविता राई, लक्ष्मी भट्ट, च्योति शाह, सरिता थापा समेत कई मौजूद रहीं।
दून महिला अस्पताल में उस समय मरीजों की परेशानी और बढ़ गई, जब अस्पताल में तैनात नर्सिंग स्टाफ (नर्सेज) ने कार्य बहिष्कार का एलान किया। वहीं, अस्पताल में प्रदर्शन को पहुंची उक्रांद कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन से हालात और बिगड़ गए। नर्सेज ने आरोप लगाया कि उक्रांद नेताओं ने उनके साथ बदसलूकी की। इसके बाद अस्पताल में तैनात नर्सेज ने भी कार्य से विरत होकर नारेबाजी शुरू कर दी। मामला बढ़ता देख चिकित्साधीक्षक और नर्सिंग सुपरिटेंडेंट ने नर्सेज से बात कर उन्हें समझाया।
सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं की दुर्दशा के मामले को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) का एक प्रतिनिधिमंडल शनिवार को स्वास्थ्य महानिदेशालय के वरिष्ठ अधिकारियों से मिला। प्रतिनिधिमंडल ने आरोप लगाया कि सरकारी अस्पतालों की दुर्दशा के लिए स्वास्थ्य महानिदेशालय जिम्मेदार है। दून महिला अस्पताल प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच कराने और दोषियों पर आपराधिक धाराओं में मुकदमा दर्ज करने की मांग भी की। इस दौरान उमा सिसौदिया, महानगर अध्यक्ष अशोक सेमवाल, विनोद बजाज मौजूद रहे।
दून मेडिकल कॉलेज के टीचिंग अस्पताल यानी दून अस्पताल व दून महिला अस्पताल और कोरोनेशन अस्पताल में व्याप्त अव्यवस्थाओं व लापरवाही को लेकर पूर्व विधायक राजकुमार ने मुख्य सचिव को ज्ञापन प्रेषित किया। कहा कि लगता है स्टाफ की संवेदनाएं मर चुकी हैं। यदि सरकारी अस्पतालों में व्यवस्थाएं जल्द नहीं सुधारी जाती हैं तो आंदोलन किया जाएगा।