मुंबई। बॉलीवुड में बनने वाली कमर्शियल फिल्मों के सबसे कामयाब निर्देशकों में शुमार किए जाने वाले रोहित शेट्टी का कहना है कि दर्शकों का प्यार और उनसे मिलने वाली स्वीकार्यता उन्हें हर फिल्म में बेहतरीन काम करने की प्रेरणा देती है। रोहित ने कहा कि उनका मकसद लोगों का मनोरंजन करना है और वह चाहते हैं कि आलोचकों की अच्छी-बुरी टिप्पणियों के बाद भी दर्शक उनकी फिल्मों का आनंद उठाएं।
उन्होंने कहा, ‘‘जब भी मैं कुछ लिखता हूं, कोई फिल्म बनाता हूं या फिर उसका संपादन करता हूं तो मैं दर्शकों, खासकर ऐसे लोगों के बारे में सोचता हूं जो मेरी फिल्मों को पसंद करते हैं। मैं चाहता हूं कि वे मेरी फिल्मों का आनंद लें।’’रोहित ने शुक्रवार को जागरण सिनेमा सम्मेलन में कहा, ‘‘जब दर्शक खुश होते हैं तो मैं बहुत खुश होता हूं। जब वे हंसते-मुस्कुराते हैं तो यह मुझे बेहद खुशी देता है।
अगर कोई शख्स फिल्म देखने जाता है तो वह अपनी कमाई का 10 प्रतिशत खर्च करता है। इसलिए मुझे यह ख्याल रखना चाहिए कि उनका मनोरंजन हो। अगर दर्शक खुश नहीं तो मैं भी बेचैन हो जाता हूं।’’निर्देशक ने कहा कि जब उनकी फिल्म रिलीज होती है तो उनकी टीम दर्शकों की प्रतिक्रिया जानने के लिये थियेटर जाती है।
उन्होंने कहा, ‘‘जब भी मेरी फिल्म रिलीज होती है तो मेरी टीम मेरे लिए निजी तौर पर सिनेमाघरों में जाकर देखती है और दर्शकों की प्रतिक्रिया समझती है। मेरा मानना है कि रियलिटी चेक होना चाहिए। मेरे पास एक टीम है जो कई साल से मेरे साथ काम कर रही है और हमारे बीच भावनात्मक जुड़ाव है। वे जो भी सलाह मुझे देते हैं मैं उन पर सोचता हूं।
’’उन्होंने कहा, ‘‘सिनेमा हमेशा से बदलता और विकसित होता रहा है। जब मनमोहन देसाई ‘अमर अकबर एंथनी’ बना रहे थे और जब ऋषिकेश मुखर्जी ने ‘मिली’ बनायी तब भी सिनेमा बदल रहा था। पहले व्यावसायिक और समानांतर या कला फिल्म होती थी और मल्टीप्लेक्स किस्म की फिल्म होती हैं। अच्छी फिल्म अच्छी ही होती है और खराब फिल्म खराब।’’निर्देशक ने यह भी कहा कि अगर वह कभी जीवनी आधारित फिल्म बनाएंगे तो वह मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज पर होगी।