मुंबई। बॉलीवुड अभिनेत्री यामी गौतम ने अपने करियर में असफलताएं देखी हैं लेकिन उन्हें काम नहीं मिलने को लेकर कभी डर नहीं लगा। उनका कहना है कि अपने सपनों के सच होने तक वह अपना सर्वश्रेष्ठ देती रहेंगी। यामी ने फिल्म जगत में कदम वर्ष 2012 में राष्ट्रीय पुरस्कार जीतने वाली फिल्म ‘विकी डोनर’ के साथ रखा था जिसके बाद ‘बदलापुर’ और ‘काबिल’ को छोड़कर उनकी कई फिल्में बॉक्स ऑफिस पर नहीं चल सकीं।
यामी ने एक साक्षात्कार में बताया, “जब फिल्म नहीं चलती तो मुझे काम नहीं मिलने का कभी डर नहीं लगा। मेरे पास सामना करने के लिए और भी कई डर थे जैसे क्या होगा अगर मैं कभी किसी कार्यक्रम में शामिल होने जाऊं और मीडिया मुझसे पूछे कि ‘वह फिल्म चली’ लेकिन आपकी फिल्म नहीं चली, तो मैं क्या कहूंगी। मैं बहुत संवेदनशील थी।”
उन्होंने कहा, “मुझे नहीं पता कि मैं जैसी हूं वैसे कैसे रहूं या खुद को यह समझाऊं कि ऐसा होता है। आपको बस इसे स्वीकार करना होगा। मैं कभी किसी की सिफारिश से मुंबई नहीं पहुंची। मैंने खुद मेहनत की और नाम कमाया है। मेरा मानना है कि मुझे बुलाया गया है और मैं तब तक नहीं जाउंगी जब तक मेरे सपने नहीं पूरे हो जाते।” यामी का मानना है कि जब उनकी फिल्में नहीं चलती तो उन्हें आगे मिलने वाले काम में यह झलकने लगता है।