रेल और कोयला मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाल रहे गोयल ने कहा कि पेट्रोलियम उत्पादों के मूल्य पर सरकार की सोच उचित है और वह समस्या को बढ़ाने वाला कोई कदम नहीं उठाना चाहती। यहां संवाददाताओं से अनौपचारिक बातचीत में रेल मंत्री गोयल ने कहा, ‘‘ईंधन के दाम को लेकर सरकार का मौजूदा रुख बिल्कुल सही है। क्योंकि अगर उत्पाद शुल्क में कटौती की जाती है तो इससे राजकोषीय घाटा बढ़ेगा जिससे समस्या सुलझने के बजाए उलझेगी।’’
रुपये की विनियम दर में गिरावट के साथ पेट्रोल की कीमत दिल्ली में करीब 80 रुपये जबकि डीजल की कीमत 73 रुपये लीटर के आसपास पहुंच गयी है। ईंधन के दाम में तेजी के बीच उत्पाद शुल्क में कटौती की मांग की जा रही है। केंद्र फिलहाल पेट्रोल पर 19.48 रुपये लीटर जबकि डीजल पर 15.33 रुपये प्रति लीटर उत्पाद शुल्क वसूलती है। सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिये राजकोषीय घाटा 3.3 प्रतिशत रखने का लक्ष्य रखा है।
गोयल ने कहा कि सरकार को कोई भी कदम दीर्घकाल में उसके पड़ने वाले प्रभाव को ध्यान में रखकर उठाना चाहिए न कि अल्पकालीन हितों को ध्यान में रखना चाहिए। कोयला मंत्रालय की भी जिम्मेदारी संभाल रहे गोयल ने उदाहरण देते हुए कहा, ‘‘रुपये की विनिमय दर में गिरावट थामने के लिये आरबीआई ने 2013 में विदेशी मुद्रा जुटाने को लेकर प्रवासी भारतीयों को बांड (एफसीएनआर (बी) जारी किये गये। इसके परिपक्व होने पर हमने 2016-17 में इसका भुगतान किया। इसी प्रकार, संप्रग शासन 1.5 लाख करोड़ रुपये का तेल बांड जारी किया गया जिसमें से हमने अभी 50,000 करोड़ रुपये दिया है।’’
रेलवे से जुड़े एक सवाल के जवाब में उन्होंने मांग के साथ किराये में वृद्धि (डायनेमिक किराया) में बदलाव की संभावना से इनकार किया। हालांकि उन्होंने इस मामले में गौर करने का जरूर आश्वासन दिया। त्यौहारों के समय पक्की टिकट मिलने की समस्या से जुड़े एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मालगाड़ियों के लिये अलग गलियारा बनने से चीजें कुछ बेहतर होगी। रेल मंत्री ने इस मौके पर ‘रेल समन्वय पोर्टल’ और ‘एप’ जारी किया। यह राज्य सरकारों के विभिन्न विभागों में परियोजनाओं से संबंधित मुद्दों नजर रखने के साथ संबंधित मसलों के समाधान के लिये उठाये गये कदमों की जानकारी देगा। इससे परियोजनाओं से संबंधित लंबित मुद्दों का शीघ्रता से समाधान में मदद मिलेगी और अंतत: परियोजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी आएगी।