आपदा से उत्‍तराखंड में 52 लोगों की मौत

देहरादून। प्रदेश में इस वर्ष मानसून सीजन में प्राकृतिक आपदा से अब तक 52 लोगों की मौत हुई है, जबकि छह लोग लापता और सात घायल हुए हैं। आपदा से प्रदेशभर में 119 बड़े पशु और 388 छोटे पशुओं की हानि हुई है। सिंगापुर से वापसी के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बुधवार शाम को सचिवालय में प्रदेश में आपदा से हुए नुकसान एवं राहत कार्यो की सभी जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा की।

मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि आपदा के दौरान राहत एवं बचाव कार्यो को तेज गति से संपन्न किया जाए। इसके लिए धन की कमी नहीं होने दी जाएगी। त्वरित राहत के लिए सभी जिलाधिकारियों को अब तक कुल 77 करोड़ और सड़कों की मरम्मत के लिए 16 करोड़ की धनराशि उपलब्ध कराई गई है। मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को इस संबंध में सतर्कता बरतने और आपदा प्रंबधन तंत्र को प्रभावी बनाए रखने के साथ ही आपदा आपातकालीन केंद्रों को 24 घटे क्रियाशील रखने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि राज्य आपातकालीन केंद्र से सभी जिले लगातार संपर्क में रहें। किसी भी आपातकालीन घटना की सूचना अविलंब शासन को भेजी जाए। मुख्यमंत्री ने जिलावार प्राकृतिक आपदा से हुई जन व पशु हानि, भवन, भूमि सरकारी संपत्तियों की हानि की विस्तृत जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि जो कार्य आपदा के मानकों में नही आते हैं, उनके प्रस्ताव शासन को भेजे जाएं, इसके लिये धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी।

उन्होंने विभागों से प्राकृतिक आपदा मद की व्यवस्था सभी विभागों में करने के निर्देश दिए। नैनीताल माल रोड के क्षतिग्रस्त होने के संबंध मे मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि विशेषज्ञों की टीम वहा भेजी जाए ताकि इसका पूर्ण कारगर उपचार किया जा सके। उत्तरकाशी में वरुणावत में पैदा हो रहे नए पेच के लिये विशेषज्ञों को भेजे जाने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि यमुनोत्री के लिए भी पूरा मास्टर प्लान तैयार किया जाए ताकि भविष्य में यात्रियों के आवागमन में सुविधा हो सके।

इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने पिथौरागढ़ के व्यास व दरमाघाटी के लिये कम्युनिकेशन प्लान तैयार करने के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कोटद्वार में पनियाली नाले व सुखरो नदी से होने वाले नुकसान का भी ट्रीटमेंट प्लान तैयार करने तथा इससे हो रहे नुकसान के कारणों पर ध्यान देने को कहा।

मुख्यमंत्री ने बदरीनाथ, केदारनाथ, यमुनोत्री, गंगोत्री एवं हेमकुंड साहिब की यात्रा स्थिति की भी जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री ने केदारनाथ में किए जा रहे पुनर्निर्माण कार्यों को आगामी 31 अक्टूबर तक पूर्ण करने के निर्देश जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग को दिए। बैठक में मुख्यमंत्री ने वर्षा के दौरान संक्रमण से फैलने वाली बीमारियों की संभावना का आकलन कर इससे बचने के लिए आवश्यक तैयारी करने और पशुओं में होने वाले रोगों की संभावना, इससे बचने के उपायों एवं आवश्यक तैयारियों को पूर्ण करने के भी निर्देश दिए। बैठक में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह सहित शासन के उच्चाधिकारी व जिलाधिकारी उपस्थित थे।

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