अमेरिकी ओपन सेमीफाइनल में जोकोविच और निशिकोरी

न्यूयार्क। दो बार के चैंपियन नोवाक जोकोविच ने जान मिलमैन के परिकथा जैसे अभियान का अंत करते हुए सीधे सेटों में जीत के साथ अमेरिकी ओपन के पुरुष एकल सेमीफाइनल में जगह बनाई जहां उनका सामना केई निशिकोरी से होगा। सर्बिया के स्टार खिलाड़ी जोकोविच ने आस्ट्रेलिया के दुनिया के 55वें नंबर के खिलाड़ी मिलमैन को 6-3, 6-4, 6-4 से हराकर पिछले 11 मौकों में 11वीं बार अमेरिकी ओपन के सेमीफाइनल में प्रवेश किया। जोकोविच 2011 और 2015 में यहां खिताब जीतने में सफल रहे थे।

इक्कीसवें वरीय जापान के निशिकोरी ने पांच सेट चले कड़े मुकाबले में मारिन सिलिच को हराकर अंतिम चार में जगह बनाई। निशिकोरी ने क्वार्टर फाइनल में 2-6, 6-4, 7-6 (7/5), 4-6, 6-4 की जीत के साथ 2014 के फाइनल में सिलिच के खिलाफ मिली हार का बदला भी चुकता कर दिया। चौथे दौर में पांच बार के चैंपियन रोजर फेडरर को बाहर करने वाले मिलमैन भले ही सीधे सेटों में हार गए लेकिन उन्होंने जोकोविच को दो घंटे और 49 मिनट तक संघर्ष कराया। जोकोविच को 20 ब्रेक प्वाइंट मिले लेकिन इनमें से वह सिर्फ चार का ही फायदा उठा सके। उन्होंने 53 सहज गलतियां भी की लेकिन इसके बावजूद मिलमैन को हराने में सफल रहे।

जोकोविच ने मैच के बाद कहा, ‘‘आप कोर्ट पर टिके रहते हैं और फिर जीत की कोशिश करते हैं। हालात काफी कड़े थे।’’ दूसरी तरफ जापान ने नया इतिहास रचा। कलाई की चोट के कारण पिछले साल अमेरिकी ओपन से बाहर रहे निशिकोरी से पहले महिला वर्ग में जापान की नाओमी ओसाका भी सेमीफाइनल में पहुंचने में सफल रही। यह पहला मौका है जब किसी एक ग्रैंडस्लैम के पुरुष और महिला एकल दोनों वर्गों के सेमीफाइनल में जापान के खिलाड़ी एक साथ पहुंचे हों। निशिकोरी 2014 में दुनिया के तत्कालीन नंबर एक खिलाड़ी जोकोविच को सेमीफाइनल में हराकर किसी ग्रैंडस्लैम चैंपियनशिप के पुरुष एकल फाइनल में जगह बनाने वाले पहले एशियाई बने थे।
लेकिन इसके बाद वह दोबारा कभी ग्रैंडस्लैम फाइनल में जगह नहीं बना पाए। उन्हें 2016 में अमेरिकी ओपन के सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा था। क्रोएशिया के सातवें वरीय सिलिच के खिलाफ निशिकोरी की यह नौवीं जीत है जबकि छह मैचों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा है। निशिकोरी ने मैच के बाद कहा, ‘‘यह काफी कड़ा मुकाबला था, विशेषकर अंत में, मैं 3-2 से आगे था और वह वापसी करने में सफल रहा। मुझे नहीं पता क्यों लेकिन मारिन के खिलाफ मुकाबला हमेशा कड़ा होता है।’’

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