उसने कहा, ‘‘वह अनुभवी है और उसे पता है कि हालात का सामना कैसे करना है। वह दस साल तक दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी रही है। मुझे खुशी है कि मैने अच्छा खेला लेकिन शीर्ष हाफ में होने से निकोल से सामना हो गया।’’ उसने कहा, ‘‘हम टीम में स्वर्ण जीत सकते हैं। एकल में क्या हुआ, इसके बारे में ज्यादा सोचने का फायदा नहीं है। वापसी करना मुश्किल है लेकिन हमें करना होगा। हमारे सामने बड़ा लक्ष्य है और हम अभी जश्न नहीं मना सकते।’’ भारतीय महिला टीम ने इंचियोन में रजत पदक जीता था।
भारतीय स्क्वाश खिलाड़ी पिछले कुछ समय से नियमित कोच के बिना खेल रहे हैं। एसआरएफआई ने साइरस पोंचा और भुवनेश्वरी कुमारी को बतौर कोच भेजा था लेकिन दीपिका ने कहा कि खिलाड़ी एक दूसरे की मदद करना पसंद करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी को खिलाड़ियों की कोचिंग पसंद है। खिलाड़ी ही खिलाड़ी से बात करेंगे। खिलाड़ियों ने यह फैसला लिया है। हरिंदर पाल संधू , सौरव घोषाल और मैं मिलकर अभ्यास करते हैं।’’