काफी कुछ कहता है केजरीवाल का अनदेखा करना

नयी दिल्ली। यदि आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल के ट्वीट और रीट्वीट को संकेत माना जाए तो आशुतोष और आशीष खेतान अपने इस्तीफे के ऐलान से बहुत पहले ही केजरीवाल का समर्थन गंवा चुके थे। पत्रकारिता से राजनीति में आए आशुतोष और आशीष का पार्टी में घटता कद और शीर्ष नेतृत्व से उनके संबंधों की स्थिति मुख्यमंत्री केजरीवाल के ट्विटर टाइमलाइन पर झलकती है। केजरीवाल के ट्विटर खाते पर बीते दो महीने से अधिक समय के ट्वीट और रीट्वीट के विश्लेषण से इसका अंदाजा लगता है।

बीते 18 जून से 15 अगस्त तक केजरीवाल ने आशुतोष के सिर्फ दो ट्वीट और आशीष के सिर्फ तीन ट्वीट को रीट्वीट (साझा) किया, जबकि केजरीवाल ने अपने करीबी नेताओं के ट्वीटों को इसी अवधि में कई बार रीट्वीट किया है। ‘आप’ की राजनीति पर नजर रखने वाले विश्लेषकों का मानना है कि केजरीवाल द्वारा कभी अपने काफी करीबी रहे आशुतोष और आशीष को इस तरह अनदेखा करना काफी कुछ कहता है।

बीते 18 जून से 15 अगस्त तक की अवधि में केजरीवाल ने उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया सहित अपनी पार्टी के सदस्यों के 102 ट्वीट को रीट्वीट किया। उन्होंने पत्रकारों के 80 और अन्य पार्टियों के नेताओं के 11 ट्वीट को रीट्वीट किया। इसमें केजरीवाल के ट्वीट और कुछ अन्य रीट्वीट शामिल नहीं हैं। केजरीवाल के ट्विटर खाते के विश्लेषण से यह भी पता चलता है कि उन्होंने इसी अवधि में सिसोदिया के 31 ट्वीट और ‘आप’ की दिल्ली इकाई के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज के 19 ट्वीट को रीट्वीट किया।

‘आप’ के एक नेता ने बताया कि केजरीवाल अपना ट्विटर खाता खुद ही संभालने के लिए जाने जाते हैं और इसके लिए उनकी सोशल मीडिया टीम ‘इनपुट’ (सामग्री/सुझाव) मुहैया कराती है। केजरीवाल ज्यादातर ऐसे ट्वीट को रीट्वीट करते हैं जिनमें दिल्ली सरकार के कामकाज की तारीफ की गई हो या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं भाजपा की आलोचना की गई हो। ‘आप’ के सूत्रों ने बताया कि केजरीवाल और बागी नेता कुमार विश्वास के बीच का तनाव भी उस वक्त सामने आया था जब मुख्यमंत्री ने उनके ट्वीट को रीट्वीट करना बंद कर दिया था।

माना जाता है कि आशुतोष और आशीष ने 15 अगस्त को पार्टी से इस्तीफा दिया। लेकिन आशीष ने इस हफ्ते की शुरूआत में पार्टी छोड़ने का ऐलान किया। केजरीवाल ने अब तक दोनों का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है। बीते 15 अगस्त को आशुतोष ने जब ट्वीट करके पार्टी छोड़ने का ऐलान किया था तो केजरीवाल ने जवाब दिया था, ‘हम आपका इस्तीफा कैसे स्वीकार कर सकते हैं, सर? ना, इस जनम में तो नहीं। हम सब आपसे प्यार करते हैं।’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *