देहरादून। वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी एवँ जनता कैबिनेट पार्टी की केंद्रीय अध्यक्ष भावना पांडे ने उत्तराखंड की भाजपा और कांग्रेस पार्टी पर बड़ा हमला बोलते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं।
मीडिया को जारी अपने एक बयान में जेसीपी मुखिया भावना पांडे ने कहा कि उत्तराखंड में तेजी से उभरते हुए नवगठित राजनीतिक दल जनता कैबिनेट पार्टी से भयभीत होकर बीजेपी और कांग्रेस ने जेसीपी के खिलाफ बड़ी साज़िश रची है।
जेसीपी अध्यक्ष भावना पांडे ने कहा कि बीजेपी और कांग्रेस ने लिस्ट से अपने नेताओं के नाम काटकर जेसीपी के उन संभावित प्रत्याशियों को टिकट दिया जो जनता कैबिनेट पार्टी से चुनाव लड़ने जा रहे थे। उन्होंने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा और कांग्रेस ने इन नेताओं को कईं तरह के लालच देकर बहकाया है।
जेसीपी मुखिया भावना पांडे ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस ने मिलकर जनता कैबिनेट पार्टी के संभावित प्रत्याशियों को हाइजैक किया। इन दोनों दलों ने अपनी पहली लिस्ट से अपने प्रत्याशियों के नाम काटकर व जेसीपी के नेताओं को गुमराह कर अपनी पार्टी का सिंबल पकड़ा दिया जिससे जेसीपी उभरने से पहले ही टूट जाए।
जेसीपी अध्यक्ष ने कहा कि जेसीपी के ज्यादातर नेता इन राष्ट्रीय पार्टियों के झूठे प्रलोभन और लालच में आकर इन दलों में शामिल हो गए। उन्होंने कहा कि दरअसल जेसीपी के इन भटके हुए नेताओं का कोई दोष नहीं है, बीजेपी और कांग्रेस जैसी राष्ट्रीय पार्टियों ने एक क्षेत्रीय दल को पनपने से रोकने की घिनौनी साज़िश की है।
वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने कहा कि वे इन पार्टियों के दबाव में आने वाली नहीं हैं। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी जेसीपी का गठन हुए कुछ महीने ही हुए हैं जिस वजह से उन्हें विधानसभा चुनाव की तैयारियों के लिए पूरा समय नहीं मिल पाया। इसलिए इस बार उनकी पार्टी विधानसभा चुनाव में अपने प्रत्याशी खड़े नहीं करेगी।
अपनी भावी योजनाओं के बारे में खुलासा करते हुए भावना पांडे ने कहा कि वे अगले विधानसभा चुनाव के लिए पूरे पाँच साल तैयारी करेंगी और संगठन की मजबूती के लिए कार्य करेंगी। उन्होंने कहा कि बीजेपी और कांग्रेस की अन्तिम पंक्ति में खड़े एवँ इन दलों से उपेक्षित नेताओं को टिकट देकर वे जेसीपी का प्रत्याशी बनाना चाह रही थीं, किंतु कुछ लोगों ने षड्यंत्र रचकर जेसीपी उम्मीदवारों की सूची लीक कर दी।
जेसीपी मुखिया भावना पांडे ने कहा कि बीजेपी और कांग्रेस को जेसीपी प्रत्याशियों की लिस्ट की भनक लगते ही उन्होंने इन जेसीपी नेताओं को लालच देकर तोड़ना व अपने पाले में करना शुरू कर दिया। वहीं अपने कैंडिडेट्स के नाम काटकर जेसीपी प्रत्याशियों को अपनी पार्टियों का टिकट थमा दिया। इसी वजह से आज पूरे उत्तराखंड में इन दलों के नेताओं के द्वारा अपनी ही पार्टियों के विरुद्ध बगावत की जा रही है। अपने दलों से टिकट न मिलने के कारण बीजेपी और कांग्रेस के नेता अब निर्दलीय चुनाव लड़ने को विवश हो रहे हैं।