शिक्षा महकमे की पर्यावरण संरक्षण में अनूठी पहल

देहरादून। शिक्षा महकमे ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अनूठी पहल करते हुए प्लास्टिक की बोतलों से तौबा की है। इसे महकमे में शासन स्तर से लेकर निदेशालयों और समस्त अधीनस्थ कार्यालयों के साथ ही विद्यालयों में भी लागू कर दिया है। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय के निर्देश पर शिक्षा सचिव डॉ. भूपिंदर कौर औलख ने प्लास्टिक की बंद बोतलों को तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित करने के आदेश गुरुवार को जारी किए।

दरअसल, शिक्षा महकमे में प्लास्टिक की बोतलों के इस्तेमाल को लेकर शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने सख्त रुख अपनाते हुए महकमे की तमाम बैठकों में इसे प्रतिबंधित करने के निर्देश दिए थे। इन निर्देशों पर शासनादेश जारी न होने से महकमे में इसे लागू करने को लेकर ऊहापोह बना हुआ था। बीती नौ जुलाई को सचिवालय में शिक्षा विभाग और एसआइटी की संयुक्त बैठक में पेयजल को इस्तेमाल में लाई जा रही प्लास्टिक की बंद बोतलों को देखकर शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय खफा हो गए थे।

मंत्री के रुख को देख महकमे को हरकत में आना पड़ा। शिक्षा सचिव की ओर से महानिदेशक, माध्यमिक, प्रारंभिक और अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण के निदेशकों को जारी आदेश में कहा गया कि पर्यावरण को संरक्षित करने को प्लास्टिक की बोतलों को प्रयोग में न लाया जाना आवश्यक है। शिक्षा विभाग की विभिन्न बैठकों के दौरान बोतल बंद पानी का प्रयोग किया जा रहा है। इससे पर्यावरण पर प्रतिकूल असर पड़ने के साथ महकमे पर भी अनावश्यक व्ययभार हो रहा है। सचिव ने प्लास्टिक की बंद बोतलों को तत्काल प्रतिबंधित कर राज्य स्तर से लेकर विद्यालय स्तर कि आयोजित की जाने वाली समस्त बैठकों, कार्यशालाओं एवं विभिन्न प्रशिक्षणों में उक्त आदेश का अनिवार्य पालन करने को कहा है।

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