शारदीय नवरात्र आज से मंदिरों में लगी भक्तों की लाइन

शारदीय नवरात्र आज से मंदिरों में लगी भक्तों की लाइन

घट स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6:27 बजे से शुरू होकर 11: 04 बजे तक है। जबकि अभिजीत मुहूर्त सुबह 11.30 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक है। ज्योतिषाचार्य विजेंद्र प्रसाद ममगाईं ने बताया कि पहले दिन शुभ मुहूर्त पर घट स्थापना करनी चाहिए।

शारदीय नवरात्र 17 अक्तूबर से शुरू हो गए हैं। पहले दिन देवी के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा की जा रही है। आज नवरात्र के पहले दिन राजधानी देहरादून सहित राज्य में सभी मंदिरों में भक्तों की भीड़ नजर आई। श्रद्धालु सुबह से ही मंदिर पहुंचने लगे। मंदिरों के बाहर भक्तों की लाइन लग गई। मंदिरों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा है।

घट स्थापना के बाद देवी शैलपुत्री की पूजा करें। मां दुर्गा जा पहला स्वरूप शैलपुत्री का है। पर्वतराज हिमालय की पुत्री के रूप में होने पर इनका नाम शैलपुत्री पड़ा। इनके दाहिने हाथ में त्रिशूल व बाएं हाथ में पुष्प धारण किया होता है जबकि दूसरे दिन रविवार को ब्रह्मचारिणी रूप की पूजा होगी।

आचार्य डॉ. सुशांत राज ने कहा कि नया व्यवसाय शुरू करने, नया वाहन या प्रॉपर्टी खरीदने का सबसे उत्तम समय नवरात्र को माना जाता है। पहले नवरात्र से ही शुभ कार्य किए जा सकेंगे।

शारदीय नवरात्रि के लिए सजे मां शक्ति के मंदिर

शनिवार से शुरू हो रहे नौ दिवसीय शारदीय नवरात्र को लेकर मां के मठ-मंदिरों को फूल-मालाओं और लड़ियों से सजाया गया है। मंदिरों में नवरात्र में प्रतिदिन मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा होगी। इस दौरान नवरात्र पाठ भी होगा। श्रद्धालु व्रत रखकर नौ दिनों तक देवी की आराधना करेंगे।

रुद्रप्रयाग जिले में चंडिका, कालीमठ व हरियाली सिद्धपीठ मंदिरों को खूब सजाया गया है। वहीं कर्णप्रयाग, सिमली, लंगासू, आदिबदरी, नौटी, नंदासैंण सहित ग्रामीण क्षेत्रों में मंदिरों को भी सजाया गया है। कोविड-19 की गाइड लाइन को देखते हुए मंदिरों में घेरे बनाए गए हैं। शनिवार सुबह कलश स्थापना के बाद जौ बोए गए। उसके बाद देवी की पूजा का श्रीगणेश हो गया।

लंबे इंतजार के बाद बाजार उमड़ी भीड़

लंबे इंताजार के बाद ऋषिकेश के बाजारों में उम्मीदों की भीड़ नजर आई। कुछ लोगों ने पूजा पाठ का सामान खरीदा तो कुछ लोगों ने घरों की सजावट के लिए खरीदारी की। बाजारों में भीड़ को देखकर व्यापारी भी उत्साहित नजर आए। बाजार में लोगों की भीड़ बढ़ने से अन्य दिनों के मुकाबले ज्यादा खरीददारी हुई।

लोगों ने बाजार पूजा पाठ सामग्री, हवन सामग्री, चौकी, चुन्नी, जौ, तिल, सफेद, पीला कपड़ा खरीदा। जिन लोगों के घरों में सात दिन तक चंडी पाठ रहता है। उन्होंने पंडित के लिए कपड़े खरीदे। इस दौरान बाजारों में चहल पहल दिखी। लोगों ने फल औरे मेवे भी खूब खरीदे। सात महीने बाद बाजार में ग्राहकों की भीड़ देखकर व्यापारी खुश दिखे।

नवरात्र आने से कुम्हारों के चेहरे भी खिल गए हैं। लोगों ने पूजा सामग्री खरीदने के साथ ही दीपक और गुल्लक खरीददारी की। हीरालाल मार्ग पर अपने पिता के साल मिट्टी में जान फूंकने वाले प्रमोद कुमार प्रजापति ने बताया कि वह दीपक, गमले, करोड़े और अन्य सामान बनाने का काम करते हैं। नवरात्र शुरू होने से काफी दिन पहले दीपकों और गुल्लकों की बिक्री बढ़ गई थी। सरकार को कुम्हारों के कल्याण के लिए ठोस योजना बनानी चाहिए। सरकार की ओर से उन्हें जो बिजली की चॉक दी गई है उससे काम में काफी तेजी आई है। सरकार को मिट्टी के खनन और दोहन की अनुमति का लाइसेंस बनवाना चाहिए। जिससे कुम्हार परेशान न हो।

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