एससी-एसटी और ओबीसी छात्रों की बढ़ेगी छात्रवृत्ति

एससी-एसटी और ओबीसी छात्रों की बढ़ेगी छात्रवृत्ति

कमेटी बाद में प्राइवेट संस्थानों की फीस नए सिरे से तय करेगी। राज्य के शैक्षिक संस्थानों में आरक्षित वर्ग के छात्रों की रिपोर्ट भी मांगी गई है। सब कमेटी 27 जनवरी को प्रस्तावित बैठक में इस पर  अंतिम निर्णय लेगी। एक तकनीकी चूक की वजह से राज्य सरकार को वर्ष 2017 से खुद छात्रवृत्ति देनी पड़ रही है। 113 करोड़ रुपये से अधिक खर्च होने पर केंद्र सरकार सहायता देती है।

एससी-एसटी और ओबीसी छात्रों को उच्च-तकनीकी शिक्षा के लिए दी जानी वाली समाज कल्याण विभाग की दशमोत्तर छात्रवृत्ति बढ़ाई जाएगी।  प्राइवेट संस्थानों में पढ़ने वाले छात्रों को सरकारी संस्थानों की फीस के समान ही छात्रवृत्ति देने की मौजूदा व्यवस्था को बदलकर फीस के हिसाब से स्कॉलरशिप देने की तैयारी की जा रही है। इस मामले में गठित कैबिनेट की सबकमेटी की बैठक में मंगलवार को अहम निर्णय किए गए। सब कमेटी ने मुख्य सचिव ओमप्रकाश को प्रवेश एवं फीस निर्धारण कमेटी का जल्द गठन करने को कहा है।

सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक ने कहा कि सब कमेटी सभी पहलुओं का अध्ययन कर रही है। केंद्र ने 40% अंशदान देने का निर्णय किया है। इसे भी फैसले में शामिल किया जाएगा।

केंद्र 40% अंश खुद वहन करेगा

केंद्र से धन न मिलने पर 2017 में राज्य सरकार ने तय किया था कि प्राइवेट संस्थानों के छात्रों को सरकारी स्कूलों की फीस के समान ही छात्रवृत्ति मिलेगी। इस साल केंद्र ने छात्रवृत्ति में 40% अंश खुद वहन करने का निर्णय लिया है। इसे देखते हुए छात्रवृत्ति के मानक बदलने की तैयारी है।

सरकारी और निजी संस्थानों की फीस में जमीन आसमान का अंतर है। जिस कोर्स के लिए सरकारी कालेज की फीस 11 से 13 हजार रुपये है, वहीं प्राइवेट संस्थानों में उसी कोर्स की फीस 53 से 92 हजार रुपये तक है। वर्ष 2017 में सरकार ने राज्य पर बढ़ते वित्तीय बोझ की वजह से तो छात्रवृत्ति का मानक बदला ही।

साथ ही छात्रवृत्तियों में करोड़ों रुपये के घोटाला भी इस फैसले के पीछे बड़ी वजह रहा। छात्रवृत्ति घोटाले में अब तक समाज कल्याण विभाग के कई अफसर और संस्थानों के संचालक जेल जा चुके हैं। हालांकि फीस के अनुसार छात्रवृत्ति बढ़ने से आरक्षित वर्ग के मेधावी छात्रों को लाभ भी मिलेगा। निजी संस्थानों की बहुत ज्यादा फीस के कारण छात्र उनमें अध्ययन नहीं कर पा रहे हैं।

कोर्स                    प्राइवेट फीस       सरकारी फीस
आयुर्वेदिक भैषज    53,200              11,350
बीएससी-एग्री         92,000              13,000
बीए                     1,23,000            2,820
बीबीए                  3,55,300            23,440
एमबीए                 90,500              13,300
पंचकर्म                 58,900               8,500

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