देहरादून। विधानसभा चुनाव से ऐन पहले माननीयों को तीन-तीन नए विद्यालयों का तोहफा देने की सरकार की तैयारी है। इसके तहत प्रत्येक विधायक से उनके विधानसभा क्षेत्र मे दो हाईस्कूल और एक इंटर कॉलेज खोलने के प्रस्ताव मांगे जाएंगे। नए विद्यालयों की स्थापना उच्चीकरण से की जाएगी। अर्थात जूनियर हाईस्कूल से हाईस्कूल और हाईस्कूल को उच्चीकृत कर इंटर कॉलेज बनाए जाएंगे। इस तोहफे से सरकारी खजाने पर तकरीबन 118 करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
दरअसल, विधायकों की ओर से विद्यालयों के उच्चीकरण को लेकर सरकार पर काफी दबाव है। शिक्षा महकमों को इस संबंध मे धड़ल्ले से प्रस्ताव मिल रहे हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय से भी विधायकों के प्रस्तावों को महकमे को भेजा जा रहा है। इस दबाव को महसूस कर सरकार ने हर विधायक को तीन-तीन विद्यालयों का तोहफा देने की योजना बनाई है।
कांग्रेस की पिछली एनडी तिवारी सरकार के कार्यकाल मे भी हर विधायक को पांच-पांच नए विद्यालय देने की योजना बनाई गई थी। इस योजना मे काफी संख्या मे विद्यालय उच्चीकृत किए गए। हालांकि, विधायकों को नए विद्यालयों की सौगात देने में कांग्रेस की सरकारें अधिक उदार रही है। प्रदेश में दूसरी बार काबिज हुई कांग्रेस सरकार ने मौजूदा कार्यकाल मे बड़े पैमाने पर विद्यालयों का उच्चीकरण किया है।
राज्य बनने के बाद से 16 वर्ष की अवधि में 1438 विद्यालयों को उच्चीकृत किया जा चुका है। इनमें 871 जूनियर हाईस्कूलों को हाईस्कूल और 621 हाईस्कूलों को इंटर स्तर पर उच्चीकृत किया गया है। सरकार की योजना कामयाब हुई तो उच्चीकृत विद्यालयों मे 96 का और इजाफा हो जाएगा। सरकार पर्वतीय क्षेत्रों में तो माध्यमिक विद्यालयों के उच्चीकरण के मानकों में ढील देने की पैरवी केद्र सरकार से कर रही है। वर्तमान मे एक हाईस्कूल मे सात शिक्षकों के वेतन और विद्यालय भवन निर्माण पर करीब एक करोड़ खर्च बैठ रहा है। प्रत्येक नया इंटर कॉलेज बनने पर शिक्षकों के वेतन और भवन निर्माण पर यह खर्च 1.70 करोड़ होगा। ऐसे मे 96 विद्यालयों के उच्चीकरण पर 118 करोड़ से ज्यादा खर्च आना तय है। जाहिर है कि इसके भारी-भरकम बजट की व्यवस्था राज्य को करनी होगी।