केंद्र की तरह ढील से संक्रमण मामलों में हो सकती है बढ़ोतरी
सबसे बड़ी चुनौती कांटेक्ट ट्रेसिंग की होगी। स्वास्थ्य विभाग का इस पर सबसे अधिक फोकस है, ताकि कोविड के संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।
सीमित संसाधनों वाले उत्तराखंड में अभी आवाजाही को नियंत्रित किया गया था, ताकि कोविड लोड वाले शहरों से लोगों की आवाजाही पर निगाह रखी जा सके। लेकिन राज्य की सीमाएं खुल जाने से सरकार के सामने चुनौतियां बढ़ गई हैं।
अनलॉक चार में ये काम बढ़ेगा
1. रजिस्ट्रेशन की संख्या बढ़ेगी।
2. रिपोर्ट की सत्यापन करने का काम बढ़ेगा।
3. मामले आएंगे तो उनके कांटेक्ट ट्रेसिंग करनी होगी।
4. मामले बढ़ने से कंटेनमेंट जोन की संख्या बढ़ेगी।
5. अस्पतालों में आक्सीजन वाले बेडों की संख्या बढ़ानी होगी।
6. वेंटीलेटर की सुविधा और स्टाफ की संख्या भी बढ़ेगी।
7. पुलिस और प्रशासन का कार्य बोझ बढ़ेगा।
मोबाइल बंद करके दुबक गए थे 211 लोग
सरकार चाहती है कि कोरोना महामारी के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़े। लेकिन अभी भी लोग इसमें लापरवाही बरत रहे हैं। करीब 211 लोग ऐसे पकड़ में आए जिन्हें ट्रेस किया जा रहा था। उन्होंने अपने मोबाइल फोन स्विच ऑफ कर रखा था। उन्हें घर-घर तलाशने में पुलिस को खासा पसीना बहाना पड़ा।