दास ने एनबीएफसी को लेकर कहा कि पिछले एक साल में छोटी नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों को लोन देने की रफ्तार बेहतर हुई है। उन्होंने कहा कि लोन का प्रवाह स्थिर हुआ है और उसमें लगातार सुधार दिख रहा है। उन्होंने कहा कि रीयल एस्टेट सेक्टर को लोन देने की रफ्तार को बेहतर किए जाने की गुंजाइश है।
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने सोमवार को कहा कि बैंक इस समय लोन के उठाव में कमी की सबसे बड़ी चुनौती से जूझ रहे हैं। इस समय लोन ग्रोथ की दर सात फीसद के आसपास है। दास ने अंग्रेजी अखबार मिंट के एक कार्यक्रम में कहा, ‘बैंक लोन के उठाव की सुस्त गति जैसी चुनौती से जूझ रहे हैं।’ उन्होंने बैंकों से लोन देते समय सतर्कता बरतने को कहा। बकौल दास आरबीआई सभी वित्तीय संस्थाओं का अध्ययन कर रहा है। उन्होंने इशारा किया कि 50 नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों (एनबीएफसी) पर करीबी नजर रखी जा रही है।
उन्होंने कहा कि पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर बैंकों में प्रशासन सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा है और गवर्नेंस को बेहतर बनाने में बैंकों के मैनेजमेंट की भूमिका बहुत अहम है। दास ने कहा कि तमाम रेगुलेशन बैसेल-3 गाइडलाइंस के अनुरूप हैं।