राष्ट्रमंडल खेलों में सुशील कुमार ने जीता गोल्ड

गोल्ड कोस्ट। दो बार के ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार ने अपने ख्याति के अनुरूप प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक बरकरार रखा जबकि राहुल अवारे ने राष्ट्रमंडल खेलों में पदार्पण करते हुए पीला तमगा अपने नाम किया हालांकि गत चैम्पियन बबीता फोगाट को रजत पदक से संतोष करना पड़ा। किरण ने महिलाओं के 76 किलोवर्ग में कांस्य पदक जीता। भारत की प्रबल पदक उम्मीद माने जा रहे सुशील ने अपेक्षाओं पर खरे उतरते हुए दक्षिण अफ्रीका के जोहानेस बोथा को सिर्फ 80 सेकंड में 4–0 से हराया।

उन्होंने इससे पहले कनाडा के जेवोन बालफोर और पाकिस्तान के मोहम्मद असद बट को तकनीकी श्रेष्ठता के आधार पर हराया। इसके बाद आस्ट्रेलिया के कोनोर इवांस को मात दी। राहुल अवारे (57 किलो) ने कनाडा के स्टीवन ताकाहाशी को 15–7 से मात दी। ग्रोइन की चोट से जूझ रहे अवारे ने हार नहीं मानते हुए जबर्दस्त खेल दिखाया और इन खेलों की कुश्ती स्पर्धा में भारत को पहला स्वर्ण दिलाया। उन्होंने इससे पहले इंग्लैंड के जार्ज राम, आस्ट्रेलिया के थामस सिचिनी और पाकिस्तान के मोहम्मद बिलाल को हराकर फाइनल में जगह बनाई।

जीत के बाद उन्होंने कहा, ”मैं दस साल से इस पदक का इंतजार कर रहा था। मैं बता नहीं सकता कि कैसा महसूस कर रहा हूं। मैं 2010 में चूक गया और 2014 में टीम ट्रायल के बिना गई। मुझे खुशी है कि आखिरकार मेरा सपना सच हुआ।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं यह पदक अपने गुरू को समर्पित करता हूं जिनका 2012 में निधन हो गया था।’’ वहीं गत चैम्पियन बबीता फोगाट को 53 किलो महिला कुश्ती स्पर्धा के खिताबी मुकाबले में कनाडा की डायना वेकर से हारकर रजत पदक से ही संतोष करना पड़ा।
बबीता ने 2010 दिल्ली खेलों में रजत और ग्लास्गो में 2014 में स्वर्ण पदक जीता था। वह आज 2–5 से हार गई। बबिता ने फाइनल की राह में नाइजीरिया की सैमुअल बोस, श्रीलंका की दीपिका दिलहानी और आस्ट्रेलिया की कारिसा हालैंड को हराया। बबीता ने कहा, ‘‘मेरा आक्रमण आज कमजोर था। मुझे और आक्रामक होकर खेलना चाहिये था। यह नतीजा वह नहीं है जो मैं चाहती थी। मेरे घुटने में भी चोट थी लेकिन चोट पहलवान के कॅरियर का हिस्सा है।’’

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