राजधानी देहरादून के इन रूटों पर बनेगी एलिवेटेड, मिलेगी जाम से निजात

राजधानी देहरादून के इन रूटों पर बनेगी एलिवेटेड, मिलेगी जाम से निजात

हरिद्वार, ऋषिकेश और देहरादून के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग चौड़ीकरण का काम पूरा होने के बाद अब जोगीवाला सबसे बड़ी बोटल नेक बन गया है। हरिद्वार से जिस स्पीड के साथ वाहन जोगीवाला चौक पर पहुंचते हैं, उसके बाद उन्हें काफी देर तक जाम से जूझना पड़ रहा है। इस समस्या से निपटने के लिए लोक निर्माण विभाग ने जोगीवाला से रिस्पना पुल तक सीधे एलिवेटेड रोड बनाने का निर्णय लिया है। इसका प्रस्ताव तैयार हो रहा है और लगभग 1100 करोड़ इस परियोजना पर खर्च होने का अनुमान है। इसके तहत रिस्पना चौराहे को भी जाम से मुक्त किया जाएगा। विधानसभा सत्र के दौरान इस वजह से वाहनों की आवाजाही नहीं रोकनी पड़ेगी।

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून को जाम से झंझट से मुक्ति दिलाने के लिए लोक निर्माण विभाग (लोनिवि) और नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने मिलकर प्लान तैयार किया है। इसके तहत शहर में दो बड़ी एलिवेटेड रोड बनाई जाएंगी। पहली जोगीवाला से रिस्पना पुल तक होगी। दूसरी धर्मावाला से झाझरा तब बनाई जा रही है। अन्य प्रमुख सड़कों को भी फोरलेन बनाने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।

दूसरी परियोजना एनएचएआई ने तैयार की है। इसके तहत धर्मावाला से झाझरा तक एलिवेटेड रोड बनाई जाएगी। इस परियोजना का प्रस्ताव अंतिम चरण में है। झाझरा के बाद मौजूदा रोड को ही चौड़ी कर बीच-बीच में फ्लाई ओवर के जरिए आईएमए होते हुए इसे बल्लूपुर तक लाया जाएगा। बल्लूपुर से बल्लीवाला होते हुए मौजूदा सड़क को फोरलेन किया जाएगा और आईएसबीटी तक फोरलेन किया जाएगा। आईएसबीटी से यही सड़क फोरलेन होकर दिल्ली गणेशपुर वाले एक्सप्रेस-वे से जुड़ेगी। इस सड़क को डाटकाली में बनाई जा रही नई डबल लेन सड़क से एक्सप्रेस-वे से जोड़ा जाएगा।

देहरादून-हरिद्वार नेशनल हाईवे के तहत केंद्र सरकार आईएसबीटी से रिस्पना (हरिद्वार बाईपास) तक के लिए भी सड़क को फोरलेन करने के लिए 48 करोड़ दे चुकी है। इससे शहर वासियों के साथ ही दिल्ली, चारधाम यात्रा और हरिद्वार जाने वाले लोगों को बड़ी राहत मिल जाएगी।

आईएसबीटी और हरिद्वार से सहस्त्रधारा की ओर जाने वाले वाहनों के लिए भी एक नया रूट तलाशा जा रहा है। इसके तहत फ्लाईओवर या एलिवेटेड रोड के जरिए लोगों को  शहर के प्रमुख चौराहों से बिना फंसे निकाला  जाएगा। हालांकि यह रूट अभी फाइनल नहीं है। लोनिवि के अधिकारियों को इस संदर्भ में लोकेशन सर्वे करने को कहा गया है। रूट फाइनल हो जाने के बाद इसका भी प्रस्ताव तैयार किया जाएगा।

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