दूसरे राज्य के वाहनों पर टैक्स बढ़ाने की तैयारी
राज्य में प्रवेश के परिवहन विभाग के सभी चेकपोस्टों पर अब बाहरी राज्यों से आने वाली रोडवेज बसों और व्यावसायिक वाहनों का डाटा रखा जाएगा। आरटीओ व एआरटीओ को आदेश दिया कि चेकपोस्टों पर 24 घंटे निगरानी रखी जाए। उत्तराखंड में टैक्स चोरी कर दौडऩे वाली दूसरे राज्यों की रोडवेज बसों का मामले में जांच शुरू हुई तो धीरे-धीरे परिवहन विभाग की कार्यशैली की परतें भी उधडऩी शुरू हो गई। परिवहन सचिव डा. रणजीत सिन्हा के दखल के बाद सुर्खियों में आए इस मामले में लगातार चौकाने वाले प्रकरण सामने आ रहे हैं।
प्रदेश में आने वाली दूसरे राज्यों की रोडवेज बसों व अन्य व्यावसायिक वाहनों पर राज्य सरकार टैक्स बढ़ाने की तैयारी कर रही है। परिवहन आयुक्त दीपेंद्र चौधरी ने परिवहन मुख्यालय में गुरुवार को टैक्स की समीक्षा बैठक करते हुए पाया कि उत्तराखंड की टैक्स दर बाहरी राज्यों की अपेक्षा एक चौथाई कम है। इसी वजह से उत्तराखंड की रोडवेज बसें बाहरी राज्यों को ज्यादा टैक्स दे रहीं। आयुक्त की ओर से टैक्स बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव बनाने व इसे मंजूरी के लिए कैबिनेट में ले जाने की बात कही गई।
स्थिति यह है कि परिवहन विभाग पर अपने ही प्रदेश में चल रहे व्यावसायिक वाहनों का 295 करोड़ रुपये टैक्स बकाया है, लेकिन विभाग ने इसकी वसूली के लिए कोई कदम नहीं उठाए। इसके अलावा उत्तर प्रदेश की रोडवेज बसों को लेकर भी स्थिति बेहद खराब मिली। यहां उत्तर प्रदेश की 37 बसें दस्तावेजों में दर्ज हैं, जबकि चल साढ़े बारह सौ बसें रहीं। उत्तराखंड सालाना उत्तर प्रदेश को अपनी रोडवेज बसों की एवज में 24 करोड़ रुपये टैक्स दे रहा, जबकि उत्तर प्रदेश महज पांच करोड़ रुपये टैक्स दे रहा, जबकि उस पर सालाना लगभग 40 करोड़ रुपये टैक्स बैठ रहा। परिवहन मंत्री यशपाल आर्य ने परिवहन सचिव को मामले में जांच के आदेश दिए हुए हैं।
इसी क्रम में आजकल प्रदेश के समस्त आरटीओ व एआरटीओ दफ्तरों में रोडवेज बसों का रिकार्ड जुटाया जा रहा। सुबह दस बजे से रात दस बजे तक दफ्तर खुल रहे हैं और बाहरी राज्यों की रोडवेज बसों के नंबर और डिपो का सत्यापन चल रहा। टैक्स को लेकर बुधवार को परिवहन सचिव ने बैठक ली थी। गुरुवार को परिवहन आयुक्त दीपेंद्र चौधरी व रोडवेज प्रबंध निदेशक डा. नीरज खैरवाल ने परिवहन मुख्यालय में इस संबंध में बैठक की। आयुक्त ने चेकपोस्टों पर रात में खासतौर पर चेकिंग करने एवं टैक्स बिना किसी व्यावसायिक वाहन को प्रवेश न देने के आदेश दिए। आयुक्त ने रोडवेज के प्रबंध निदेशक डा. नीरज खैरवाल से भी कहा कि रोडवेज के बस अड्डों पर दूसरे राज्यों की सभी रोडवेज बसों के नंबर व डिपो नोट हों और हर माह परिवहन विभाग को जानकारी दी जाए।
रोडवेज के बस अड्डों के पास से चल रही डग्गामार बसों व अन्य वाहनों पर अब परिवहन विभाग व रोडवेज संयुक्त चेकिंग कर कार्रवाई करेंगे। परिवहन आयुक्त चौधरी ने कहा कि डग्गामार वाहन बस अड्डों के पास से चलते हैं तो रोडवेज सूचना विभाग को दे।